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कर्नाटक HC ने कहा- 'पति करे तो भी रेप तो रेप ही है'

हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा कि, शादी किसी को क्रूर जानवर बनने का लाइसेंस नहीं देती.

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भारत
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कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka Highcourt) ने 23 मार्च, बुधवार को वैवाहिक बलात्कार यानी मेरिटल रेप (Marital Rape) के एक मामले पर आदेश में कहा कि शादी किसी को क्रूर जानवर बनने का लाइसेंस नहीं देता. यहां कोर्ट ये कहना चाह रही है कि शादी के बाद कोई व्यक्ति ऐसा बन जाए कि उस पर किसी का कोई नियंत्रण ना हो ऐसा कोई लाइसेंस शादी करने के बाद नहीं मिलता है.

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हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा, "शादी किसी को भी क्रूर जानवर बनने का लाइसेंस नहीं देती है. यदि यह किसी पुरुष के लिए दंडनीय है, तो फिर यह उस पति के लिए भी दंडनीय होना चाहिए."

लेकिन भारत में मेरिटल रेप पर कोई कानून नहीं है. कोर्ट ने आगे कहा "पत्नी पर यौन हमला एक क्रूर कृत्य है अगर ये उसकी सहमति के बिना है और ये भले ही उसके पति द्वारा किया गया हो, लेकिन कानून की नजर इसे बलात्कार नहीं कहा जा सकता है. इस तरह का पति द्वारा यौन हमला उसकी पत्नि पर मानसिक और शारीरिक तनाव डाल सकता है. इसीलिए अब जरूरत है कि कानून बनाने वाले इन दबी आवाज को उठाएं."

हाईकर्ट ने ये भी कहा कि "सालों पुरानी सोच और परंपरा कि पति अपनी पत्नियों के शासक होते हैं, उनके शरीर के, मन के और आत्मा के, इससे उन पत्नियों की अपनी कोई पहचान नहीं बचती. इस पुरानी सोच और धारणा के कारण ही देश में ऐसे मामले बढ़ रहे हैं.

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