कर्नाटक में सुर्खियां बटोरने वाले हिजाब विवाद (Karnataka Hijab Row) से जुड़ी एक बड़ी खबर आई है. राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री एमसी सुधाकर ने कहा है कि, 'कर्नाटक एग्जामिनेशन ऑथोरिटी/KEA द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में शामिल होने वालीं कैंडिडेट्स हिजाब पहन सकती हैं.' यह खबर टाइम्स ऑफ इंडिया ने प्रकाशित की है.
मंत्री ने क्या कहा? मंत्री ने कहा कि कैंडिडेट्स को हिजाब पहनने की अनुमति न देकर सरकार "लोगों के अधिकारों का उल्लंघन करेगी. यहां तक कि NEET में भी कैंडिडेट्स को हिजाब पहनने की अनुमति है."
इंडिया टुडे के मुताबिक, उन्होंने कहा, "यह एक धर्मनिरपेक्ष देश है. लोग अपनी इच्छानुसार कपड़े पहनने के लिए स्वतंत्र हैं."
यह महत्वपूर्ण क्यों है? 5 फरवरी 2022 को, बीजेपी के नेतृत्व वाली पिछली कर्नाटक सरकार ने सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर बैन लगाने का आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि "समानता, अखंडता और सार्वजनिक कानून व्यवस्था को बिगाड़ने वाले कपड़े नहीं पहनने चाहिए."
एक महीने बाद, कर्नाटक हाई कोर्ट ने हिजाब पर राज्य सरकार के बैन को बरकरार रखा था.
आपको यह भी जानना चाहिए: KEA द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षा 28 और 29 अक्टूबर को आयोजित होने वाली है. यह परीक्षा कर्नाटक खाद्य और नागरिक आपूर्ति निगम, कर्नाटक भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड, और मैसूर सेल्स इंटरनेशनल लिमिटेड में रिक्तियों को भरेगी.
हालांकि, उच्च शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि हिजाब पहनने वालीं स्टूडेंट्स को परीक्षा से कम से कम एक घंटे पहले परीक्षा हॉल में उपस्थित होना होगा. इंडिया टुडे के मुताबिक, उन्होंने कहा, "उनकी (छात्रों की) पूरी जांच की जाएगी. हम किसी भी तरह का मिसकंडक्ट नहीं चाहते है."
हिजाब बैन पर कांग्रेस का रुख: मई में कर्नाटक में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद, पार्टी की एकमात्र मुस्लिम महिला विधायक कनीज फातिमा ने कहा था कि बैन हटा दिया जाएगा.
कर्नाटक के आईटी-बीटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने भी मई में कहा था कि समीक्षा के बाद हिजाब प्रतिबंध आदेश को संशोधित या वापस ले लिया जाएगा.
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