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दिल्ली: करोलबाग हादसे के चश्मदीद ने बताया, कैसे मची थी चीख-पुकार

अर्पित पैलेस होटल में आग लगने से 17 लोग अब तक जान गंवा चुके हैं.

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करोल बाग के अर्पित होटल में मंगलवार सुबह आग लगने से 17 लोगों ने अपनी जान गंवा दी. हालात कुछ ऐसे थे कि लोगों की चीख-पुकार मच गई. कुछ लोगों ने तो ये खौफनाक मंजर देखकर चौथी मंजिल से छलांग लगा दी. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

होटल में फंसे लोगों ने बाहर निकलने के बाद वो भयानक क्षण बयां किया, जब होटल में आग लगी थी. बचकर निकले लोगों ने बताया कि अंदर अफरा-तफरी का माहौल था. धुएं के कारण सांस लेने में काफी मुश्किल हो रही थी.

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होटल में रुकने वाले कोच्चि के सुरेंद्र कुमार ने बताया कि उनके परिवार के तीन लोग अभी भी लापता हैं. कुमार सोमवार को गाजियाबाद में एक शादी में शामिल होने आए थे. उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि शादी की अगली सुबह इस कदर भयानक होगी.

क्विंट से बातचीत में उन्होंने बताया कि उनके रिश्तेदारों ने अर्पित पैलेस होटल में 13 लोगों के लिए चार कमरे लिए थे. सुबह 4:30 बजे होटल में आग लग गई. सुबह बिजली अचानक से चली गई और जब पांच मिनट बाद लौटी तो होटल में काफी धुआं था.

उन्होंने बताया कि उनके एक रिश्तेदार ने सभी को इस बारे में सूचित किया. जब सभी बचने के लिए नीचे जा रहे थे, तो किसी ने उन्हें ऊपर की तरफ जाने के लिए कहा. उनकी सास और दो रिश्तेदार ऊपर की तरफ गए, वहीं परिवार के बाकी सभी सदस्य कमरे में ही रुके.

मेरी सास और दो रिश्तेदार ऊपर की तरफ गए. वो वहां जा भी पाए या नहीं, हमें नहीं मालूम. बाकी हम सभी कमरे में आ गए और खिड़की के पास खड़े हो गए. हमने खिड़की से आधा शरीर बाहर निकाला हुआ था, ताकि सांस ले सकें. थोड़ी देर बाद फायर इंजन आए और उन्होंने हमे वहां से बाहर निकाला
सुरेंद्र कुमार

जान बचाने के लिए चौथी मंजिल से कूदे लोग

जान बचाने के लिए होटल के दो कर्मचारी बिल्डिंग की चौथी मंजिल से कूद गए. उनके कूदने का ये वीडियो वहां मौजूद एक चश्मदीद ने बनाया, जो अब काफी शेयर किया जा रहा है.

सूत्रों के अनुसार दोनों कर्मचारियों को बचाया नहीं जा सका.

मामले की जांच के आदेश

दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. "सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी." इसके बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी यहां पहुंचे.

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