पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि 9 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए आने वाले भारतीय श्रद्धालुओं पर 20 डॉलर की फीस नहीं लगाई जाएगी. इसके अलावा 12 नवंबर को गुरु नानकदेव जी के प्रकाश पर्व के दिन भी श्रद्धालुओं पर किसी तरह की फीस नहीं लगाई जाएगी.
शुक्रवार 8 नवंबर को मीडिया में खबरें आई थीं कि पाकिस्तान ने 9 नवंबर को भी करतारपुर आने वाले श्रद्धालुओं से फीस ली जाएगी.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैसल ने ट्वीट कर बताया कि पाकिस्तानी सरकार अपने प्रधानमंत्री के किए वादे को पूरा करेगी और 9 नवंबर और 12 नवंबर को श्रद्धालुओं से 20 डॉलर का सर्विस चार्ज नहीं लेगी.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक नवंबर को ट्वीट कर कहा था कि भारतीय श्रद्धालुओं को पहले दिन 20 डॉलर की फीस में छूट दी जाएगी.
इसके बाद शुक्रवार को समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से दावा किया था कि पाकिस्तान सरकार अपने वादे से पलट गई है और 9 नवंबर को कॉरिडोर के उद्घाटन के दिन आने वाले श्रद्धालुओं पर भी 20 डॉलर की फीस लगाई जाएगी.
कॉरिडोर को लेकर दोनों देशों के बीच एग्रीमेंट साइन होने से पहले पाकिस्तान ने भारतीय श्रद्धालुओं पर 20 डॉलर की फीस लगाने का ऐलान किया था. फीस की इस रकम पर भी शुरुआत में भारत सरकार ने आपत्ति दर्ज कराई थी. हालांकि इसके बाद सरकार इस पर राजी हो गई थी.
पासपोर्ट को लेकर भी हुआ कंफ्यूजन
इससे पहले गुरुवार 7 नवंबर को भी इमरान खान के एक और फैसले पर कंफ्यूजन की स्थिति बन गई थी. इमरान ने अपने इसी ट्वीट में कहा था कि भारतीय श्रद्धालुओं को करतारपुर दर्शन के लिए पासपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ेगी.
लेकिन पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने गुरुवार को कहा था कि श्रद्धालुओं को पासपोर्ट लाना होगा क्योंकि सुरक्षा के लिहाज से ये जरूरी है.
इसके बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने ही असमंजस की स्थिति को स्पष्ट कर दिया. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि करतारपुर गुरुद्वारे आने वाले श्रद्धालुओं को पासपोर्ट लाने से छूट दी गई है और वे अगले एक साल तक बिना पासपोर्ट करतारपुर यात्रा कर सकेंगे.
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