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कासगंजः पुलिस हिरासत में अल्ताफ की मौत, हत्या या आत्महत्या?

परिजनों ने पुलिसवालों पर अल्ताफ की हत्या का आरोप लगाया है.

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उत्तर प्रदेश के कासगंज (Kasganj) में पिछले दिनों पुलिस लॉकअप में 21 वर्षीय युवक अल्ताफ (Altaf) की मौत गई थी, जिसपर पुलिस द्वारा बतायी गई थ्योरी पर अब गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं कि अल्ताफ की मौत हत्या है या आत्महत्या?

पुलिस का दावा है कि लॉकअप के बाथरूम में अल्ताफ ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, लेकिन परिवार ने पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि अल्ताफ की हत्या हुई है, उसने आत्महत्या नहीं की है.

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हमें जेल में डाल देते, हमारे बच्चे को भी जेल में रखते, उसको सजा दे देते लेकिन मारते तो ना.
फातिमा, अल्ताफ की मां

अल्ताफ की मां ने द क्विंट से बात करते हुए कहा कि आप लोग भी औलाद वाले हैं, और अगर औलाद की तकलीफ आप समझ सकते हैं तो मुझे इंसाफ दिलवाइए. उन्होंने पुलिसकर्मियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस तो सुरक्षा के लिए होती है, पर पुलिस की कस्टडी में मेरे बच्चे की जान ले ली गई, ऐसा क्यों हुआ.

शक के आधार पर किया गया गिरफ्तार

कथित रूप से अल्ताफ पर दूसरे समुदाय की एक लड़की को भगाने का आरोप था. रिपोर्ट्स के मुताबिक लड़की के घर वालों के साथ कासगंज कोतवाली थाने की पुलिस अल्ताफ के घर दबिश देने आई थी और लड़की भगाने के शक में उसे गिरफ्तार करके थाने ले जाया गया.

हमने ये देखा कि पंडित साथ में था और पंडित का लड़का भी साथ में था और दो पुलिस वाले थे. अल्ताफ रोटी खाने बैठा तब तक पुलिसवालों ने उसका हांथ पकड़ लिया. अल्ताफ बच्चे ने रोटी भी नहीं खा पाई थी जब उसे पुलिस ले गई.
मेंहराज, अल्ताफ के पड़ोसी

अल्ताफ की पड़ोसी महिला मेहराज ने आगे बताया कि जब उसे गाड़ी पर बैठा लिए तो हमने कहा कि इसे कहां ले जा रहे हो, ये बच्चा तो ऐसा नहीं है. तो उन्होंने कहा कि थाने में जाने के बाद पता चल जाएगा कि ये कैसा है.

परिवार का आरोप है कि पुलिस ने रात में आकर अल्ताफ को उठा लिया और थाने में उसकी मौत होने बाद परिवार को कोई खबर भी नहीं दी गई.
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हमारा बच्चा चौकी में फांसी लगा लिया या कुछ भी हो गया...कुछ तो बताते, थाने में तो दिखाते. वो अल्ताफ को अस्पताल क्यों लेकर गए, हमें साथ में लेकर जाते. कैसे क्या हुआ है कुछ तो बताना था.
फातिमां, अल्ताफ की मां

अल्ताफ की मां ने द क्विंट से बात करते हुए कहा कि पुलिस के द्वारा कुछ भी नहीं बताया गया, कोई खबर नहीं दी गई. यहां तक कि जब पत्रकारों के जरिए हमने खबर सुनी तो हमें बच्चे को मिलने भी नहीं दिया गया.

शव दफनाने के लिए पुलिस ने बनाया दबाव

अल्ताफ की बॉडी का पोस्टमार्टम होने के बाद उसके शव को आनन-फानन में दफनाने के लिए पुलिस ने दबाव बनाया था.

अल्ताफ के दादा मोहम्मद नाजिम ने बताया कि पुलिसवाले किसी को जाने नहीं दे रहे थे...यहां तक कि जब हम यहां पर लाश लेकर आए थे, तो प्रशासन उसी वक्त कहने लगा कि जल्दी करो.

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हम लोग उनसे हाथ जोड़ रहे थे, गुजारिश कर रहे थे कि हमारे मेहमान आ जाएं, कम से कम उनको भी देखने को मिल जाएगा. लेकिन उन्होंने किसी को नहीं आने दिया, सबको रोक रहे थे. वो मीडिया वालों को भी रोक रहे थे. वो सिर्फ जल्दी करने को बोल रहे थे.
मोहम्मद नाजिम, अल्ताफ के दादा

बगल के मुहल्ले की जिस जिस लड़की को अल्ताफ पर भगाने का आरोप था, उसके घर पर ताला लगा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक गायब हुई लड़की का अभी तक कोई भी पता नहीं चल सका है.

पुलिस की थ्योरी पर उठते सवाल

अल्ताफ के मौत की घटना के तुरंत बाद पुलिस का बयान आया था कि अल्ताफ ने चौकी में लगे ढाई फीट नल से लटककर फांसी लगा ली है. इसके बाद लोगों ने पुलिस की इस थ्योरी पर काफी सवाल उठाया था. अब स्थिति ये है कि अल्ताफ के परिवार ने उसके हत्या की तहरीर भी पुलिस को दे दी है, जिसमें कई पुलिसकर्मियों का नाम शामिल है.

अब सवाल ये उठता है कि तहरीर के बाद भी अभी तक किसी भी पुलिसकर्मी पर एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की गई?

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द क्विंट ने मामले से संबंधित सभी सवालों को कासगंज के पुलिस अधीक्षक रोहन प्रमोद बोतरे से पूछा...

फैमली का ये आरोप है कि मामले को रफा-दफा करने के लिए उनको पुलिस द्वारा पांच लाख रुपए दिए थे

ऐसी कोई भी बात मेरे संज्ञान में नहीं आई है. जिलाधिकारी को कहा गया है कि इस मामले में जो भी सहायता हो सकती है वो कंसीडर करें.

फैमली लगातार आरोप लगा रही है कि अल्ताफ को कस्टडी में मारा गया है, लेकिन अभी तक कोई भी एफआईआर नहीं दायर किया गया है.

किसी भी प्रकार की तहरीर यदि परिवार के लोग देते हैं तो उसमें इनवेस्टिगेशन सेट-अप किया जाएगा और संबंधित कार्यवाही उस पर की जाएगी.

पुलिस अधीक्षक बोतरे ने कहा कि मौके से फोटोग्राफ और वीडियोज खीxचे गए थे. जितने भी तथ्य हैं इन सारी चीजों को इन्वेस्टिगेशन में देखा जाएगा.

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