जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के कुलगाम जिले के वाइके पोरा गांव में जब 29 अक्टूबर की सुबह करीब 7.30 बजे गोलियों के तड़तड़ाने की आवाजें आईं, तो 59 साल के गुलाम अहमद याटू कुछ ज्यादा नहीं समझ पाए कि आखिर हुआ क्या है.
इस साल दक्षिणी कश्मीर में कुलगाम और आसपास के इलाके में काउंटर इंसरजेंसी की घटनाएं बढ़ी हैं. याटू ने भी समझा कि गोलियों की आवाजें भी इन्हीं घटनाओं की होगी.
'उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग की'
ये गोलियां याटू के घर के कुछ ही दूरी पर चलाई जा रही थीं. ये वाइके पुरा गांव का वो इलाका है जहां पर गांव की सबसे बड़ी मस्जिद ईदगाह है.
कश्मीर के इंस्पेक्टर जनरल विजय कुमार का कहना है कि बीजेपी कार्यकर्ता मारुति स्विफ्ट गाड़ी में थे, तभी मिलिटेंट्स की गाड़ी आई. और वो पास से ही अंधाधुंध फायरिंग करने लगे.
आईजी विजय कुमार ने रिपोर्टर्स को बताया कि मिलिटेंट्स स्थानीय मिलिटेंट अल्ताफ की गाड़ी में आए थे. पीड़ितों पर जोरदार हमला हुआ था और वो बुरी तरह से घायल हो गए थे. हॉस्पिटल जाने के रास्ते ही उन्होंने दम तोड़ दिया.
इस हमले की जिम्मेदारी रजिस्टेंस फ्रंट नाम के संगठन ने ली है. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि ये पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तौएबा नाम के आतंकी संगठन से जुड़ा हुआ संगठन है.
आईजी कुमार ने ये भी बताया कि कुलगाम के रहने वाले नासिर खानदी और शेख अब्बास नाम के दो लोग भी लश्कर के मिलिटेंट हैं और वो भी इस हत्या में शामिल हैं. कुमार मानते हैं कि इस हमले में विदेशी आतंकियों का हाथ भी हो सकता है जिस पर जांच होने के बाद साफ पता चलेगा.
तीन परिवार तबाह हुए
पीड़ितों में याटू का बेटा फिदा हुसैन शामिल था. फिदा हुसैन भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा का जिला अध्यक्ष था. बाकी के दो लोग बीजेपी कार्यकर्ता और फिदा के दोस्त थे. उनके नाम उमर रमजान हाजम और हारून राशिद बेग थे. तीनों ही अपने पिता के इकलौते बेटे थे.
याटू बताते हैं कि तीनों दोस्त गांव की ही एक शादी में शामिल होने के लिए जा रहे थे.
'मेरा बेटा अपनी बेटी का पहला जन्मदिन मनाने वाला था लेकिन देखिए क्या हो गया. आज हमने उसके लिए कब्र खोदी है.'
फिरदौस के परिवार के मुताबिक उन्होंने 2017 में बीजेपी जॉइन की थी. जम्मू कश्मीर बीजेपी अध्यक्ष रवींद्र रैना और बाकी के पार्टी कार्यकर्ता पीड़ित परिवार के यहां आए. रैना ने कहा- "वो पक्के राष्ट्रवादी थे. हम उनकी मौत का बदला लेंगे. उनका खून व्यर्थ नहीं जाएगा."
कश्मीर में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर पिछले दिनों में हमले बढ़े हैं. सिर्फ इस साल में 9 बीजेपी कार्यकर्ताओं की जान मिलिटेंट हमले में जा चुकी हैं. 6 अगस्त को एक बीजेपी सरपंच सज्जाद अहमद को कुलगाम के इसी इलाके में मार दिया गया था. इसके एक दिन पहले मिलिटेंट्स ने बीजेपी सरपंच आरिफ अहमद पर हमला किया था लेकिन वो बच गए.
बीते शुक्रवार को वाईकेपोरा गांव में पीड़ितों के अंतिम संस्कार में सैकड़ों लोग शामिल हुए. पीड़ित हारुन का अंतिम संस्कार उसके गांव सोफत में किया गया.
फिरदौर के घर का दरवाजा मेन रोड पर ही खुलता है. जब भी कोई कार घर के सामने से गुजरती है तो फिरदौस की मां शकीला बानो के आंसू छलक उठते हैं. वहां उनके घर पर इकट्ठा हुई महिलाएं फिरदौर की मां को शांत कराने की कोशिश करती हैं. फिरदौस की मां कहती हैं "वो मेरा बेटा जा रहा है. उसे रोको और कहो मुझसे आकर बात करे".
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