वीडियो एडिटर: विवेक गुप्ता
सिविल सेवा परीक्षा में टॉप करने वाले पहले कश्मीरी शाह फैसल ने राजनीति में आने के लिए आईएएस की नौकरी छोड़ दी है. फैसल ने कहा है कि उन्होंने कश्मीर में लगातार हत्याओं के मामलों और इन पर केंद्र सरकार की ओर से कोई गंभीर प्रयास नहीं होने के चलते, भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देने का फैसला किया है.
कहा जा रहा है कि शाह फैसल नेशनल कॉन्फ्रेंस के टिकट से आने वाला लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. वो बारामूला सीट से चुनाव में खड़े हो सकते हैं.
35 वर्षीय फैसल ने फेसबुक पर एक संक्षिप्त बयान में इस्तीफे का कारण बताया है. फैसल ने लिखा कि उनका इस्तीफा हिंदूवादी ताकतों द्वारा करीब 20 करोड़ भारतीय मुस्लिमों के हाशिये पर जाने की वजह से उनके दोयम दर्जे का हो जाने, जम्मू-कश्मीर राज्य की विशेष पहचान पर कपटपूर्ण हमलों, भारत में अति-राष्ट्रवाद के नाम पर असहिष्णुता और नफरत की बढ़ती संस्कृति के विरुद्ध है.
फैसल ने केंद्र में बीजेपी सरकार का नाम तो नहीं लिया, लेकिन परोक्ष हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि आरबीआई, सीबीआई और एनआईए जैसी सरकारी संस्थाओं को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, जिससे इस देश की संवैधानिक इमारत ढह सकती है और इसे रोकना होगा.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं दोहराना चाहता हूं कि इस देश में आवाजों को लंबे समय तक दबाया नहीं जा सकता. अगर हम सच्चे लोकतंत्र में रहना चाहते हैं, तो हमें इसे रोकना होगा.''
फैसल ने आईएएस में चुने जाने और इसके आगे की यात्रा में उनका समर्थन करने के लिए दोस्तों, परिवार और शुभचिंतकों का शुक्रिया अदा किया.
फैसल ने साल 2010 में आईएएस परीक्षा में टॉप किया था. उन्हें जम्मू-कश्मीर का होम कैडर आवंटित किया गया था, जहां उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट, स्कूल शिक्षा निदेशक और राज्य के स्वामित्व वाले पावर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक के रूप में काम किया.
फैसल के राजनीति में आने का जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्वागत किया. उन्होंने लिखा, 'ब्यूरोक्रेसी का नुकसान, लेकिन राजनीति के लिए फायदेमंद'
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