कठुआ गैंगरेप-मर्डर केस में पठानकोट कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए 6 आरोपियों को दोषी करार दिया है, जबकि सातवें आरोपी विशाल जंगोत्रा को बरी कर दिया है. विशाल जंगोत्रा इस मामले के मास्टरमाइंड सांजी राम का बेटा है.
हालांकि, क्राइम ब्रांच ने इस मामले में 15 पन्नों की जो चार्जशीट दाखिल की थी उसमें विशाल जंगोत्रा को भी आरोपी बनाया गया था. चार्जशीट के मुताबिक, विशाल 12 जनवरी को मेरठ से कठुआ के रसाना गांव अपने आरोपी दोस्त के बुलाने पर पहुंचा था.
विशाल ने इस मामले में कोर्ट के सामने कहा था कि वो घटना के दिन वहां मौजूद ही नहीं था. अपनी बात को साबित करने के लिए विशाल ने कोर्ट में सबूत और गवाह भी पेश किए थे, जिसका उसे फायदा मिला.
विशाल जंगोत्रा पर कोर्ट का फैसला
कोर्ट में विशाल जंगोत्रा की बेगुनाही साबित करने के लिए बैंक पासबुक में दर्ज की गई प्रविष्टियां, परीक्षा की आंसरशीट, अडेंटेंस शीट, बैंक अकाउंट की स्टेटमेंट के साथ एक न्यूज चैनल की रिपोर्ट के वीडियो पेश किए गए थे.
कोर्ट ने इन्हीं सबूतों के आधार पर पाया कि घटना के दिन विशाल जंगोत्रा कठुआ में मौजूद नहीं था. सबूतों के मुताबिक, जंगोत्रा घटना के दिन मुजफ्फरनगर के मीरपुर में परीक्षा दे रहा था.
कोर्ट ने मामले की पूरी सुनवाई के बाद विशाल जंगोत्रा को सभी आरोपों से बरी कर दिया.
चार्जशीट में विशाल जंगोत्रा पर क्या आरोप थे?
इस मामले में दाखिल की गई चार्जशीट के मुताबिक, पिछले साल 10 जनवरी को नाबालिग आरोपी ने 8 साल की बच्ची का अपहरण किया और उसे बंधक बनाकर उसके साथ रेप किया.
इसके बाद 11 जनवरी को नाबालिग आरोपी ने विशाल जंगोत्रा को फोन किया और उसे बच्ची के अपहरण के बारे में बताया. विशाल जंगोत्रा उत्तर प्रदेश के मुजफ्फनरनगर में रहकर एक कॉलेज से बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई कर रहा था. चार्जशीट के मुताबिक, इस दौरान नाबालिग आरोपी ने विशाल को कहा कि अगर वो चाहे तो वो भी बंधक बनाई गई बच्ची के साथ रेप कर सकता है.
इसके बाद अगले दिन 12 जनवरी 2018 को सुबह 6 बजे विशाल जंगोत्रा कठुआ के रसाना गांव पहुंच गया. क्राइम ब्रांच की चार्जशीट के मुताबिक, इसके बाद विशाल जंगोत्रा ने बच्ची के साथ 13 जनवरी को रेप किया. बाद में बच्ची की हत्या कर उसके शव को जंगल में फेंकने के बाद विशाल जंगोत्रा 15 जनवरी को शाम के 4 बजे तक कठुआ में ही था.
क्राइम ब्रांच की चार्जशीट के मुताबिक, विशाल जंगोत्रा 12 जनवरी से 15 जनवरी की शाम 4 बजे तक कठुआ में ही था.
क्राइम ब्रांच का दावे कैसे हुआ कमजोर
विशाल जंगोत्रा की बेगुनाही साबित करने के लिए सबूत के तौर पर बैंक अकाउंट की स्टेंटमेंट, एग्जाम की आंसर शीट, अटेंडेंस शीट और कुछ वीडियो पेश किए गए, जिनकी वजह से क्राइम ब्रांच की चार्जशीट कमजोर पड़ गई. पहला वीडियो मुजफ्फरनगर के मीरापुर के कॉरपोरेशन बैंक के ATM के बाहर का है. ये वीडियो 12 जनवरी 2018 का है. दोपहर 3 बजकर 47 मिनट 18 सेकेंड पर विशाल जंगोत्रा ATM के अंदर दाखिल होता है. दूसरा वीडियो ATM के अंदर का है. 3 बजकर 47 मिनट 24 सेकेंड पर जंगोत्रा अपना कार्ड ATM में डालता है लेकिन पैसे नहीं निकलते हैं. इसके बाद वह ATM को अपने पर्स में रखकर 3 बजकर 48 मिनट 3 सेकेंड पर ATM से बाहर चला जाता है.
विशाल जंगोत्रा ने इस वीडियो के हवाले से दावा किया कि अगर वह 12 जनवरी को दोपहर तीन बजकर 48 मिनट पर मुजफ्फरनगर के मीरापुर में मौजूद था, तो फिर क्राइम ब्रांच की चार्जशीट में ये क्यों लिखा गया कि 12 जनवरी को वह सुबह 6 बजे कठुआ पहुंच गया था. इसका मतलब है कि क्राइम ब्रांच ने अपनी जांच ठीक से नहीं की.
जंगोत्रा पर जांचकर्ताओं की दलील
जांचकर्ताओं ने विशाल जंगोत्रा पर उन्हें गुमराह करने का शक भी जताया था. जांच टीम को पता चला था कि मेरठ यूनिवर्सिटी में एग्जाम अटेंडेंस रजिस्टर में विशाल के फर्जी हस्ताक्षर थे. जम्मू-कश्मीर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कहा था कि फॉरेंसिक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि अटेंडेंस रजिस्टर में किए गए हस्ताक्षर आरोपी के हस्ताक्षर से मेल नहीं खा रहे थे.
आरोपी विशाल जंगोत्रा ने दावा किया था कि जिस दिन जम्मू के कठुआ में बच्ची के साथ गैंगरेप की घटना हुई, उस दिन वह मेरठ में एग्जाम दे रहा था. जबकि क्राइम ब्रांच का कहना था कि जंगोत्रा मेरठ में 15 जनवरी को परीक्षा देने नहीं गया था. चार्जशीट के मुताबिक, घटना के दिन जंगोत्रा कठुआ के रसाना गांव में मौजूद था.
जांचकर्ताओं को यह भी शक था कि आरोपी जानबूझकर एटीएम गया था और अपनी मौजूदगी दिखाने के लिए कैमरे की तरफ देख रहा था.
बहरहाल, अब कोर्ट ने सबूतों और गवाहों के आधार पर विशाल जंगोत्रा को सभी आरोपों से बरी कर दिया है.
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