कठुआ गैंगरेप और हत्या केस के आरोपियों के परिवारवालों ने अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी है. आरोपियों की 5 महिला परिजनों ने मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए 31 मार्च से भूख हड़ताल शुरू की थी. 8 साल की बच्ची से गैंगरेप और फिर उसकी हत्या कर देने के मामले में जम्मू कश्मीर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया था. ये घटना इस साल के जनवरी महीने में हुई थी.
हिंदू एकता मंच का क्या कहना है?
हिंदू एकता मंच के अध्यक्ष विजय शर्मा ने सोमवार को कहा, ‘‘ भूख हड़ताल खत्म करने का फैसला इसलिए किया गया क्योंकि 31 मई से मामले की रोजाना सुनवाई शुरू होने जा रही है... हालांकि हम मामले की सीबीआई जांच की मांग कानून के जरिए करना जारी रखेंगे.'' स्थानीय लोगों द्वारा बनाए गए हिन्दू एकता मंच का कहना है कि मामले में निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
शर्मा ने कहा कि भूख हड़ताल खत्म करने का फैसला इसलिए भी किया गया जिससे कि क्षेत्र में भीषण गर्मी की वजह से किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके. मंच के प्रमुख ने हालांकि कहा कि जब तक सीबीआई जांच की मांग नहीं मानी जाती तब तक वे नगर में हर रोज प्रतीकात्मक प्रदर्शन करते रहेंगे. मुख्य आरोपी सांझीराम की बेटी ने रविवार को केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह से मुलाकात की थी. सुप्रीम कोर्ट ने 7 मई को मामला जम्मू कश्मीर से पठानकोट ट्रांसफर कर दिया था और रोजाना सुनवाई करने के आदेश दिए थे.
क्या है कठुआ केस?
जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में 8 साल की बच्ची की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई थी. बच्ची को कठुआ जिले के एक गांव के एक छोटे से मंदिर में करीब एक सप्ताह तक रखा गया. 10 जनवरी को पहली बार उस बच्ची के साथ रेप किया गया.
17 जनवरी को उसका शव जंगलों में मिला था. आरोपियों ने सबूत मिटाने की कोशिश में बच्ची की हत्या कर दी थी. चार्जशीट के मुताबिक, बच्ची का अपहरण , बलात्कार और हत्या अल्पसंख्यक घुमंतू समुदाय को क्षेत्र से हटाने के लिए रची गई एक सोची समझी साजिश थी.
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