जम्मू कश्मीर के भयावह कठुआ गैंगरेप और मर्डर केस में 7 में से 6 आरोपियों को पठानकोट की अदालत ने दोषी माना है. आठवें नाबालिग आरोपी की अलग सुनवाई होगी. चार्जशीट में विशाल जंगोत्रा पर भी आरोप थे, जिसे अदालत ने बरी कर दिया है. इस मामले में दायर की गई चार्जशीट आज भी रोंगटे खड़े कर देती है. पूरे एक हफ्ते तक उस 8 साल की मासूम बच्ची के साथ जो हैवानियत हुई, उसे सुनकर रोम-रोम सिहर जाता है. वो भूखी प्यासी देवस्थान में पड़ी रहती थी. भेड़िए आते थे, उसे जबरन नशा देते थे और फिर रेप करते थे.
चार्जशीट के मुताबिक, सांजी राम ने अपने नाबालिग भतीजे को बकरवाल लड़की को किडनैप करने के लिए कहा, जो अक्सर अपने घोड़ों को चराने के लिए उसके घर के पीछे जंगलों में जाया करती थी. आरोपी सांजी राम ने ही किशोर को अपहरण की योजना को अंजाम देने और लड़की को नशीली दवाएं देने को कहा था और उसके बाद उसे देवस्थान में रखने को कहा. इसके बाद दीपक खजूरिया ने नाबालिग को वारदात को अंजाम देने के लिए उकसाया. नाबालिग ने अपने करीबी दोस्त परवेश कुमार से सांजी राम और दीपक खजुरिया के बनाए पूरे प्लान को शेयर किया और मदद करने को कहा.
अपहरण के दिन सांजी राम के भतीजे ने बच्ची को धक्का देकर गिराया. परवेश ने उसके पैरों को पकड़ा और नाबालिग ने एक-एक कर ड्रग जबरन बच्ची को खिलाया.
पीड़िता बेहोश हो गई और नाबालिग ने उसके साथ रेप किया. फिर परवेश के साथ मिलकर उसने लड़की को उठाया और देवस्थान के अंदर ले गया. वहां टेबल के नीचे 2 चटाई बिछाकर रखा. और ऊपर 2 दरी डालकर उसे ढक दिया.
अगले दिन दीपक खजुरिया ने 10 नशीली गोलियों का एक स्ट्रिप निकाला. नाबालिग ने लड़की के सिर को उठाया, दीपक ने उसका मुंह खोला, 2 गोलियां डाली. उसे पानी पिलाया.
इसके बाद नाबालिग ने दूसरे आरोपी विशाल जंगोत्रा को फोन पर लड़की के अपहरण के बारे में बताया और मेरठ से ये कहकर वापस आने के लिए कहा कि “अगर वो अपनी ‘हवस शांत’ करना चाहता है तो आ जाए.”
चार्जशीट के मुताबिक मेरठ से आए विशाल जंगोत्रा ने भी 8 साल की बच्ची का रेप किया. उसके बाद, नाबालिग ने भी विशाल की मौजूदगी में उसका रेप किया.
सांजीराम के निर्देश पर नाबालिग, विशाल और परवेश बच्ची को मारने के लिए पास के ही नाले के पास ले गए. दीपक वहां पहुंचा तो उसने रुकने के लिए कहा क्योंकि वो बच्ची को मारने से पहले फिर से रेप करना चाहता था. एक बार फिर उसने और नाबालिग ने बच्ची से रेप किया.
बच्ची के साथ रेप का बर्बर कृत्य करने के बाद दीपक ने अपनी बाईं जांघ पर उसकी गर्दन रखकर हाथों से दबाया. दीपक खजुरिया नाकाम रहा.
फिर नाबालिग ने अपने घुटनों का जोर उसकी पीठ पर डाला और साथ ही एक चुन्नी लेकर उससे पूरी ताकत के साथ लड़की का गला घोंट दिया. ये तय करने के लिए कि पीड़िता मर चुकी है, उसने पत्थर से उसके सिर पर 2 बार वार किए.
नाबालिग ने जंगल में मृत शरीर को फेंक दिया, जबकि विशाल झाड़ियों से बाहर पहरेदारी कर रहा था. लाश फेंकने के बाद दोनों घर लौट आए.
जांच के दौरान, यह पता चला कि सांजीराम, हेड कॉन्सटेबल तिलक और स्पेशल पुलिस ऑफिसर दीपक खजुरिया बकरवालों की मौजूदगी के खिलाफ थे. उन्होंने समुदाय को इलाके से भगाने के लिए ये साजिश रची थी.
इलाके से बकरवाल समुदाय को भगाने की साजिश के नतीजे में ये दिल दहला देने वाली रेप और कत्ल की वारदात सामने आई जिसमें आसान टारगेट होने की वजह से 8 साल की बच्ची के साथ जुल्म किया गया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)