जम्मू-कश्मीर के कठुआ में बंजारा समुदाय की 8 साल की बच्ची के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में पठानकोट कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने सोमवार को 7 आरोपियों में से 6 को दोषी करार दिया है, जबकि एक आरोपी विशाल को बरी कर दिया है. देश को चौंका देने वाले इस मामले की बंद कमरे में हुई सुनवाई 3 जून को पूरी हो गई थी.
बच्ची के परिवार की तरफ से पेश हुए वकील मुबीन फारूकी ने इस मामले में फैसले के बाद बताया, ''पठानकोट कोर्ट ने जिन आरोपियों को दोषी करार दिया है, उनमें सांजी राम, आनंद दत्ता, परवेश कुमार, दीपक खजूरिया, सुरेंद्र वर्मा और तिलक राज शामिल हैं.''
पंजाब के पठानकोट में हुई मामले की सुनवाई?
मामले में रोज के आधार पर सुनवाई पंजाब के पठानकोट में जिला और सत्र अदालत में पिछले साल जून के पहले हफ्ते में शुरू हुई थी. सुप्रीम कोर्ट ने मामले को जम्मू-कश्मीर से बाहर भेजने का आदेश दिया था, जिसके बाद जम्मू से करीब 100 किलोमीटर और कठुआ से 30 किलोमीटर दूर पठानकोट की अदालत में मामले को भेजा गया था.
सुप्रीम कोर्ट का आदेश तब आया था, जब कठुआ में वकीलों ने क्राइम ब्रांच के अधिकारियों को चार्जशीट दाखिल करने से रोका था.
चार्जशीट में क्या कहा गया था?
पंद्रह पन्नों की चार्जशीट में कहा गया था- ''पिछले साल 10 जनवरी को अगवा की गई आठ साल की बच्ची को कठुआ जिले के एक गांव के मंदिर में बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया था. उसे चार दिन तक बेहोश रखा गया था और बाद में उसकी हत्या कर दी गई थी.''
किस-किस की हुई थी गिरफ्तारी?
- क्राइम ब्रांच ने इस मामले में ग्राम प्रधान सांजी राम, उसके बेटे विशाल, सांजी राम के ‘नाबालिग’ भतीजे और उसके दोस्त परवेश कुमार को गिरफ्तार किया था.
- दो विशेष पुलिस अधिकारियों दीपक खजुरिया और सुरेंद्र वर्मा को भी गिरफ्तार किया गया था.
- सांजी राम से 4 लाख रुपये लेने और अहम सबूतों को नष्ट करने के आरोप में हेड कॉन्स्टेबल तिलक राज और एसआई आनंद दत्ता को भी गिरफ्तार किया गया था.
जिला और सत्र न्यायाधीश ने इन 8 में से 7 के खिलाफ आरोप तय किए थे. ‘नाबालिग’ के खिलाफ अभी ट्रायल शुरू होना बाकी है क्योंकि जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट में उसकी उम्र निर्धारित करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई होनी है.
कोर्ट ने इस मामले में रणबीर पीनल कोड (RPC) के तहत धारा 120-B (आपराधिक साजिश), 302 (हत्या) और 376-D (गैंगरेप) के अंतर्गत आरोप तय किए थे.
इसके अलावा दो पुलिसकर्मियों राज और दत्ता के खिलाफ RPC की धारा 161 के तहत भी आरोप तय किए गए थे.
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