वर्ल्ड बैंक के पूर्व चीफ इकनॉमिस्ट कौशिक बसु ने नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन पर पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष के निजी हमले को लेकर प्रतिक्रिया दी है.
बसु ने ट्वीट कर कहा है, ''मैंने अभी अमर्त्य सेन पर दिलीप घोष की टिप्पणियों को पढ़ा. जाहिर तौर पर सेन के साथ बहस की जा सकती है और उनसे असहमत हुआ जा सकता है. लेकिन दुनिया के सबसे प्रसिद्ध विचारकों में से एक पर इस तरह के व्यक्तिगत हमले भारत के लिए दुखद हैं.''
अंग्रेजी अखबार द टेलीग्राफ के मुताबिक, कई बीजेपी शासित राज्यों में ‘लव जिहाद’ रोधी कानून बनाए जाने के खिलाफ सेन के रुख से जुड़े सवालों के जवाब में घोष ने कहा था कि सेन को इस मामले में बोलने का अधिकार नहीं है.
घोष ने कहा था, ''मैं किसी पर व्यक्तिगत हमला नहीं करना चाहता, लेकिन उनको बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि उन्होंने खुद 3 अलग-अलग धर्मों में 3 बार शादी की है.''
इसके अलावा घोष ने कहा था, ''वह (सेन) देश छोड़कर भाग गए और संकट के वक्त कभी भी नहीं दिखे. हम ऐसे व्यक्ति से नैतिक सीख नहीं लेंगे.''
जाने-माने अर्थशास्त्री सेन पिछले कुछ वक्त में पश्चिम बंगाल में काफी चर्चा में रहे हैं. उन्हें लेकर कई रिपोर्ट्स आई थीं, जिनमें कहा गया था कि विश्व भारती ने उनका नाम उन लोगों की लिस्ट में शामिल किया है जिन्होंने गैर कानूनी ढंग से अतिरिक्त जमीन पर कब्जा कर रखा है.
इस पर सेन ने कहा था कि शांति निकेतन में उनके अधिकार वाली जमीन रिकॉर्ड में दर्ज है और पूरी तरह से लंबी अवधि के लिए पट्टे पर है.
सेन के साथ खड़ी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शांति निकेतन में अर्थशास्त्री की पारिवारिक संपत्तियों को लेकर हाल के घटनाक्रमों पर नाराजगी जताई थी. बनर्जी ने सेन को ‘असहिष्णुता’ के खिलाफ लड़ाई में उन्हें अपनी बहन या दोस्त मानने को कहा था.
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