ADVERTISEMENTREMOVE AD

केदारनाथ मंदिर 'सोना घोटाला': क्या सच में गायब हो गया ₹1 अरब से ज्यादा का सोना?

Kedarnath Temple 'Gold Scam': आरोप है कि ₹125 करोड़ के सोने को पीतल से बदल दिया गया है

Published
भारत
3 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

Kedarnath Temple 'Gold Scam': उत्तराखंड के समाचार वेबसाइट 'पहाड़ी खबरनामा न्यूज' ने 16 जून को राज्य के केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple) के एक वरिष्ठ पुजारी संतोष त्रिवेदी का एक वीडियो प्रकाशित किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि मंदिर में एक बड़ा घोटाला हुआ है.

वीडियो में संतोष त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि केदारनाथ मंदिर में गर्भगृह की दीवारों को ढंकने के लिए इस्तेमाल किए गए ₹125 करोड़ के सोने को पीतल से बदल दिया गया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
" (गर्भगृह) महीनों पहले सोने से जड़ा हुआ था, लेकिन आज जब मैंने (मंदिर) में प्रवेश किया, तो सोना पीतल से बदला हुआ था! ... ₹125 करोड़ का सोना चला गया! यह धोखाधड़ी है! "
संतोष त्रिवेदी

संतोष त्रिवेदी ने रिकॉर्डिंग में यह भी कहा कि उनका मानना है कि बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC), जो क्षेत्र के दोनों प्रमुख मंदिरों की देखरेख करती है, के एक सदस्य ही इस गायब सोने के लिए जिम्मेदार हैं.

उन्होंने घोषणा की कि अगर 'आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, तो उन्हें मंदिर से भगाने के लिए एक विरोध प्रदर्शन शुरू किया जाएगा.'

लेकिन आरोपों में कितनी सच्चाई है? कितने सबूत मौजूद हैं? BKTC का क्या कहना है?

आरोप क्या हैं और कितने सबूत मौजूद हैं?

जिस समय त्रिवेदी के आरोपों ने तूल पकड़ा, उसी समय ट्विटर पर कई वीडियो सामने आने लगे जिनमें मंदिर के गर्भगृह के अंदर 'गोल्ड वॉश' लेबल वाली पॉलिश की बोतलें पकड़े कार्यकर्ता दिख रहे थे.

इनमें से एक वीडियो केदारनाथ के पूर्व कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने पोस्ट किया था. कैप्शन में उन्होंने कहा कि 'रात में मंदिर बंद रहने के दौरान पीतल को सोने की पॉलिश से ढकने' का प्रयास किया गया था, त्रिवेदी ने दावा किया कि ऐसा ही हुआ था.'

विवाद के बाद, उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने सोमवार, 19 जून को एक इंटरव्यू में द टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि सच्चाई का पता लगाने के लिए एक जांच चल रही है.

"मैंने मुख्य सचिव एसएस संधू, रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, और धार्मिक मामलों के सचिव हरीश चंद सेमवाल से बात की है और उन्हें मामले की उच्च स्तरीय जांच करने का निर्देश दिया है. हम सच्चाई जानना चाहते हैं, और इसके आधार पर निष्कर्ष निकाल आगे की कार्रवाई की जाएगी."
सतपाल महाराज
0

बीकेटीसी का क्या कहना है ?

बीकेटीसी ने आरोपों को जल्दी से संबोधित किया और इसे 'भ्रामक' कहा.

एक प्रेस विज्ञप्ति में, उन्होंने स्पष्ट किया कि एक डोनर से मिले 23,777.8 ग्राम सोने का इस्तेमाल गर्भगृह को सजाने के लिए किया गया था. वर्तमान बाजार दर के अनुसार इसकी कीमत ₹14.38 करोड़ है.

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अधिकांश सजावट 1,001 किलोग्राम तांबे का इस्तेमाल करके की गई थी, जिसकी कीमत ₹29 लाख थी.

Kedarnath Temple 'Gold Scam': आरोप है कि ₹125 करोड़ के सोने को पीतल से बदल दिया गया है

बीकेटीसी द्वारा भेजी गई प्रेस विज्ञप्ति की एक प्रति.

एएनआई को दिए एक बयान में, बीकेटीसी के अध्यक्ष अजय अजेंद्र ने कहा कि 'साजिश' उन व्यक्तियों द्वारा रची गई थी जो नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लागू की गई बेहतर सुविधाओं के बाद केदारनाथ मंदिर में आने वाले भक्तों की बढ़ती संख्या से नाखुश थे.

"अगर इसी तरह दानदाताओं की भावनाओं का अपमान होता रहा, तो कोई भी दान सहयोग और तीर्थों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आगे नहीं आएगा. मैं इन हिंदू विरोधी कांग्रेस नेताओं से पूछना चाहता हूं ... वे कभी भी मस्जिदों और मदरसों में धन पर सवाल क्यों नहीं उठाते हैं ? कांग्रेस ने हमेशा हिंदुओं और हिंदू मंदिरों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की है."
अजय अजेंद्र 18 जून को एएनआई से

बीकेटीसी ने जोर देकर कहा कि 'फर्जी खबरें फैलाने' वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है और की जाएगी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

आगे बताया गया कि केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, आईआईटी-रुड़की और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के छह विशेषज्ञों द्वारा निर्देशित एक टीम द्वारा गर्भगृह पर काम किया गया था.

हालांकि, त्रिवेदी ने सोमवार को द टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ एक इंटरव्यू में दावा किया कि बीकेटीसी के बयानों में एक विसंगति थी- पिछले साल जब सोना चढ़ाया गया था, तो इस्तेमाल किए गए सोने की मात्रा लगभग 230 किलोग्राम थी - 23 किलो नहीं - जैसे बीकेटीसी ने अभी घोषणा की है.

त्रिवेदी और विभिन्न अन्य राजनेताओं द्वारा किए गए दावों की सत्यता पर टिप्पणी करना मुश्किल है, क्योंकि हम अभी तक सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो या त्रिवेदी के दावों के आधार की प्रामाणिकता नहीं जानते हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×