दिल्ली सरकार के ऑड-ईवन फॉर्मूला को लेकर सोमवार को नए आंकड़े पेश किए गए हैं. प्रदूषण पर निगरानी रखने वाली टॉप बॉडी ‘केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड’ ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें बताया गया कि दिल्ली में अप्रैल में ऑड-ईवन फॉर्मूला के दौरान प्रदूषण स्तर पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि कम गाड़ियों के सड़क पर उतरने को लेकर किए गए अध्ययन के आंकड़ों से पता चलता है कि उस योजना का कोई ठोस असर देखने को नहीं मिला.
बोर्ड का कहना है कि चूंकि मौसम से जुड़े कारकों और दिल्ली के बाहर विभिन्न स्रोतों से होने वाले उत्सर्जन में समय-समय पर बदलाव होता रहा है, इस वजह से समय-समय पर प्राप्त होने वाले आंकड़ों से वैज्ञानिक रूप से सटीक तुलना नहीं हो पाती है.
बोर्ड ने इस साल 01 से 14 अप्रैल तक विभिन्न प्रदूषकों की निगरानी की. इसके बाद ऑड-ईवन योजना के दौरान 15 से 30 अप्रैल तक निगरानी की गई, ताकि किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके.
एनजीटी के अध्यक्ष स्वतंत्र कुमार की अगुवाई वाली पीठ ने इस बोर्ड से कहा था कि पखवाड़े भर तक चली इस योजना के पहले और बाद की विभिन्न अवधि के आंकड़ों को रिकॉर्ड किया जाए.
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