ऐसे समय में जब अपनी जाति और धर्म से बाहर शादी करने वाले लोग समाज से बाहर किए जाने और जान से मारे जाने की धमकियों का सामना कर रहे हैं, केरल सरकार ऐसे दंपत्तियों को सुरक्षित आवास देने के लिए ‘सुरक्षित घर’ खोलने की तैयारी कर रही है. सामाजिक न्याय विभाग ने सभी जिलों में इस तरह की सुरक्षित सुविधाएं देने वाली पहल का शुभारंभ किया है.
सामाजिक न्याय मंत्री के के शैलजा ने कहा कि ‘सुरक्षित घर’ बनाने की दिशा में प्राथमिक कदम उठाए गए हैं. जाति और धर्म से बाहर शादी करने वाले दंपत्ति इन घरों में शादी के बाद एक साल तक रह सकते हैं.
उन्होंने राज्य विधानसभा में कहा कि इसका उद्देश्य ऐसे दंपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. मंत्री ने कहा कि यह पहल स्वयंसेवी संगठनों की सहायता से किया जा रहा है.
विभाग पहले से ही ऐसे दंपत्तियों को जो सामान्य वर्ग में आते हैं और जिनकी कमाई सालाना एक लाख रुपये से कम है, उन्हें स्वरोजगार के लिए 30,000 रुपये की सहायता देती है. इसी तरह अनुसूचित जाति से आने वालों को 75,000 रुपये की सहायता दी जाती है.
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