केरल हाईकोर्ट ने लक्षद्वीप (Lakshadweep) में लगाए गए दो विवादित आदेशों पर अंतरिम रोक लगा दी है. कोर्ट ने लक्षद्वीप प्रशासक प्रफुल पटेल के डेयरी फार्मों को बंद करने और स्कूलों में मिडडे मील से नॉन-वेज खाना हटाने के आदेश पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा है कि जब तक जवाबी हलफनामा दाखिल नहीं किया जाता, तब तक इन दोनों आदेश पर आगे कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा है.
कोर्ट ने निर्देश दिया कि इस याचिका पर अगले हफ्ते फिर विचार किया जाएगा, तब तक दोनों आदेश पर आगे कोई कार्रवाई शुरू नहीं की जानी चाहिए.
नए आदेश पर लक्षद्वीप में बवाल
लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल पटेल के खिलाफ लगातार प्रदर्शन हो रहा है. 25 फरवरी को एनिमल प्रिजर्वेशन रेगुलेशन 2021 के तहत बीफ उत्पादों के वध, परिवहन, बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया गया, इसका खुले तौर पर विरोध भी हुआ. इसके अलावा, पटेल ने मिडडे मील से भी नॉनवेज फूड हटाने का निर्देश दिया था.
गुजरात की नरेंद्र मोदी सरकार में गृहमंत्री रह चुके प्रफुल पटेल को 5 दिसंबर 2020 को लक्षद्वीप की जिम्मेदारी दी गई थी.
केंद्र शासित प्रदेश में एनिमल हस्बैंडरी डिपार्टमेंट की तरफ से चलाए जा रहे डेयरी फार्म को भी बंद कर दिया गया है. 21 मई को, स्थानीय सरकार द्वारा चलाए जा रहे डेयरी फार्म को भी बंद करने और 31 मई तक सभी जानवरों की नीलामी का आदेश दिया गया था.
आयशा सुल्ताना को प्रशासन की चेतावनी
लक्षद्वीप प्रशासन ने फिल्ममेकर आयशा सुल्ताना को क्वॉरन्टीन नियमों के उल्लंघन को लेकर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है. सुल्ताना ने कथित तौर पर कुछ लोगों के साथ पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन जाकर नियमों का उल्लंघन किया और अगले दिन कोविड मरीजों के साथ बात की.
प्रफुल पटेल पर विवादित टिप्पणी करने पर सुल्ताना के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था. 17 जून को सुल्ताना को केरल हाईकोर्ट से अंतरिम अग्रिम जमानत मिली थी.
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