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लक्षद्वीप प्रशासन की फिर किरकिरी,HC का स्टांप ड्यूटी फैसले पर स्टे

लक्षद्वीप प्रशासन के कई सारे फैसलों को केरल हाईकोर्ट पलट चुका है

Published
भारत
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1 जुलाई को केरल हाईकोर्ट ने लक्षद्वीप (Lakshadweep) प्रशासन के एक और आदेश पर रोक लगा दी है. लक्षद्वीप प्रशासन ने द्वीप पर जमीन खरीदने-बेचने पर स्टांप ड्यूटी बढ़ाने का फैसला किया था लेकिन अब केरल हाईकोर्ट ने लक्षद्वीप प्रशासक प्रफुल पटेल के इस फैसले पर स्टे लगा दिया है. इसके पहले भी लक्षद्वीप प्रशासन के कई सारे फैसलों को केरल हाईकोर्ट पलट चुका है.

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29 जून को केरल हाईकोर्ट की सिंगल जज बेंच ने लक्षद्वीप प्रशासन के उस आदेश पर रोक लगा दी थी जिसमें समुद्र के किनारे रहने वालों के घर गिराने के आदेश दिए गए थे. प्रशासन ने इन घरों को पहले कारण बताओ नोटिस दिया था.

इसके पहले 22 जून को भी केरल हाईकोर्ट ने लक्षद्वीप में लगाए गए दो विवादित आदेशों पर अंतरिम रोक लगा दी थी. कोर्ट ने लक्षद्वीप प्रशासक प्रफुल पटेल के डेयरी फार्मों को बंद करने और स्कूलों में मिडडे मील से नॉन-वेज खाना हटाने के आदेश पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने कहा था कि जब तक जवाबी हलफनामा दाखिल नहीं किया जाता, तब तक इन दोनों आदेश पर आगे कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा है.

नए आदेशों पर लक्षद्वीप में बवाल

लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल पटेल के खिलाफ लगातार प्रदर्शन हो रहा है. 25 फरवरी को एनिमल प्रिजर्वेशन रेगुलेशन 2021 के तहत बीफ उत्पादों के वध, परिवहन, बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया गया, इसका खुले तौर पर विरोध भी हुआ. इसके अलावा, पटेल ने मिडडे मील से भी नॉनवेज फूड हटाने का निर्देश दिया था.

गुजरात की नरेंद्र मोदी सरकार में गृहमंत्री रह चुके प्रफुल पटेल को 5 दिसंबर 2020 को लक्षद्वीप की जिम्मेदारी दी गई थी.

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