कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार का ट्रांसफर हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस से स्टेट सीआईडी भेजा गया है. रिपोर्ट्स की मानें तो राजीव कुमार को सीआईडी का एडीजी क्राइम बनाया जा सकता है.
बीते हफ्ते केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शिलांग में सारदा और रोज वैली चिट फंड घोटालों के संबंध में कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ की थी.
कौन हैं कोलकाता के पुलिस कमिश्नर रहे राजीव कुमार
- राजीव कुमार 1989 बैच के पश्चिम बंगाल कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं
- उन्हें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बेहद भरोसेमंद अफसर माना जाता है
- साल 2016 में उन्हें सुरजीत कर पुरकायस्थ की जगह कोलकाता पुलिस कमिश्नर के तौर पर नियुक्त किया गया था
- इससे पहले कुमार विधाननगर पुलिस कमिश्नरी में बतौर पुलिस कमिश्नर भी तैनात रह चुके हैं
- इसके अलावा वह कोलकाता पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) चीफ के रूप में भी काम कर चुके हैं
- राजीव कुमार ने शारदा और रोज वैली चिटफंड घोटालों की जांच करने वाली स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) की अगुवाई भी की थी. ये मामले साल 2013 में सामने आए थे.
चिटफंड मामले में CBI की पूछताछ के बाद चर्चा में आए थे राजीव कुमार
फरवरी महीने की शुरुआत में सीबीआई की एक टीम सारदा और रोज वैली पोंजी घोटालों में पूछताछ के सिलसिले में राजीव कुमार के घर पहुंची थी. कुमार ने इन मामलों की जांच के लिए गठित हुई एसआईटी की अगुआई की थी. बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ये मामले सीबीआई के पास चले गए थे.
कोलकाता पुलिस के प्रमुख के घर सीबीआई की टीम पहुंचने के बाद विवाद खड़ा हो गया था. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजीव कुमार का बचाव किया था. वह उनके समर्थन में धरने पर बैठ गईं थीं. करीब तीन दिन तक हंगामा चलने के बाद यह मामला कोर्ट में पहुंच गया था. इसके बाद कोर्ट ने राजीव कुमार को सीबीआई जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था.
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