शिमला जिले के कोटखाई शहर में पिछले साल एक 16 साल की लड़की से रेप कर उसकी हत्या कर दी गई थी. लड़की का शव एक जंगली क्षेत्र में मिला था. उस घटना के एक साल बाद लड़की के पिता ने शुक्रवार को कहा कि वो इस मामले में सीबीआई जांच से भरोसा नहीं है. पिछले साल 4 जुलाई को वो लड़की लापता हो गई थी और कथित तौर पर उसका रेप किया गया और उसकी हत्या कर दी गई थी. दो दिन बाद 6 जुलाई को उसका शव दांडी के जंगली क्षेत्र में पाया गया था.
कोटखाई की गुड़िया के नाम से जाना जाता है केस
उस लड़की को बाद में ‘‘ गुड़िया '' के नाम से जाना गया. उस घटना को लेकर क्षेत्र के लोगों में काफी गुस्सा देखने को मिला था. उसके पिता ने गुरुवार को एक किताब - ‘ गुड़िया - अनसुनी चीख ' रिलीज की, जिसे अश्विनी शर्मा और तनुजा थापा ने लिखा है. किताब में 6 जुलाई की घटना के बाद के घटनाओं को बताया गया है, जिसमें जांच की प्रक्रियाएं और प्रगति, जन विरोध और आरोपियों की गिरफ्तारी और उनमें से एक की हिरासत में मौत की घटना शामिल हैं.
किताब रिलीज करने के मौके पर लड़की के पिता ने कहा कि ये भरोसा करना असंभव है कि इतना जघन्य अपराध अकेले अनिल उर्फ नीलू ने किया है. बहुत ऐसे सवाल और मुद्दे हैं , जो अभी भी अनसुलझे हैं और सच्चाई का पता लगाने और वास्तविक अपराधियों को सजा दिलवाने के लिए नये सिरे से एक जांच करने की जरुरत है.
कोटखाई के इस मामले में कब क्या हुआ?
4 जुलाई को लड़की स्कूल से लौटते वक्त लापता हो गई थी. 6 जुलाई का उसका शव जंगल में मिला. 13 जुलाई को इस मामले में 6 लोगों की गिरफ्तारी हुई. महज 6 दिन बाद ही इस केस के एक आरोपी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई. 22 जुलाई को सीबीआई ने दो केस दर्ज किए.
जिस आरोपी की हत्या हो गई थी उस मामले में साजिश रचने के आरोप में एसआईटी के 8 पुलिसवाले गिरफ्तार किए गए. इसमें आईजी और डीएसपी रैंक के भी अधिकारी थे.
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