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जाधव केस। ‘गलत फैसला पढ़ने के लिए पाक की अपनी मजबूरियां होंगी’

कुलभूषण जाधव केस में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने तो अपना फैसला भारत के पक्ष में सुना दिया है.

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कुलभूषण जाधव केस में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने तो अपना फैसला भारत के पक्ष में सुना दिया है. लेकिन पाकिस्तान इस फैसले के अलग ही मतलब निकाल रहा है और इसे अपनी जीत बता रहा है. ऐसे में भारत, पाकिस्तान के दावे की जमकर निंदा की है. भारत ने कहा है कि ऐसा लगता है कि पाकिस्तान 'पूरी तरह से कोई अलग ही फैसला पढ़ रहा है.'

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पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और पाकिस्तानी मीडिया ICJ के फैसले को पाकिस्तान की बड़ी जीत बताने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा,

“पाकिस्तान के दावों पर कि वो जीते हैं, साफ तौर पर ये लगता है कि वो पूरी तरह से अलग फैसला पढ़ रहे हैं.”

कुमार ने कहा कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) का फैसला 42 पेज का है और जारी की गई प्रेस रिलीज सात पेज की है. उन्होंने कहा,

“अगर 42 पेज के फैसले को पढ़ने का संयम नहीं है तो उन्हें 7 पेज की प्रेस रिलीज को पढ़ना चाहिए, जहां पर हर बिंदु भारत के पक्ष में है.” रवीश कुमार ने कहा, “मैं नहीं सोचता कि कोई संदेह है.”

पाकिस्तान की अपनी मजबूरी होगी

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि शायद पाकिस्तानी नेताओं की 'अपनी मजबूरियां होंगी, जिससे वो फैसले को गलत पढ़ रहे हैं.' पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने फैसले के कुछ देर बाद ही दावा किया कि जाधव पर आईसीजे का फैसला पाकिस्तान की जीत है, क्योंकि ICJ ने उसकी रिहाई के लिए नहीं कहा. कुरैशी ने ट्वीट किया था, "कमांडर जाधव पाकिस्तान में रहेंगे. उनके साथ पाकिस्तान के कानून के अनुसार व्यवहार होगा. ये पाकिस्तान की जीत है."

पाकिस्तान को लगा था करारा झटका

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है साथ ही पाकिस्तान से कहा कि वो भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को दी गई मौत की सजा की समीक्षा करे. इसका मतलब ये भी है कि जाधव की मौत की सजा पर आईसीजे ने जो रोक लगाई थी, वो जारी रहेगी.

आईसीजे ने मामले में पाकिस्तान की तमाम आपत्तियों को खारिज कर दिया. साथ ही अदालत ने पाकिस्तान के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि भारत ने जाधव की वास्तविक नागरिकता की जानकारी नहीं दी है.

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