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कुलभूषण केस: पाकिस्तान ने 13 बार ठुकराई जो मांग,अब वो माननी पड़ेगी

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में पाकिस्तान के पक्ष में 1 तो भारत के पक्ष में 15 वोट पड़े.

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कुलभूषण जाधव केस में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) से भारत को बड़ी जीत मिली है. ICJ ने पाकिस्तान के पुराने फैसले को सस्पेंड कर दिया और जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने जाधव की फांसी पर पाकिस्तान को पुनर्विचार करने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने जाधव को काउंसलर एक्सेस दिए जाने का आदेश दिया है.

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काउंसलर एक्सेस दिया जाना जाधव के लिए बड़ी जीत है. क्योंकि भारत ने पाकिस्तान से 13 बार काउंसलर एक्सेस देने की गुजारिश की थी. भारत का कहना है कि ये वियना संधि का उल्लंघन है. अब ICJ ने भी कहा है कि पाकिस्तान वियना संधि के आर्टिकल 36 का उल्लंघन न करे. आखिरकार अब जाधव को काउंसलर एक्सेस दे दिया गया है. आउए आपको बताते हैं काउंसलर एक्सेस मिलने का मतलब क्या है?

क्या है काउंसलर एक्सेस

VCCR के आर्टिकल 36 (1) (बी) में कहा गया है कि अगर किसी देश (A) के नागरिक को किसी दूसरे देश (B) में गिरफ्तार किया जाता है, तो...

  • देश B को बिना देरी किए वीसीसीआर के अधिकारों के तहत उस देश A को जानकारी देनी होगी. इसमें देश A के अधिकारियों को जानकारी देना और उनसे मदद लेना शामिल है.
  • देश B को देश A के दूतावास या उच्चायोग को ये जानकारी देना जरूरी है कि उन्होंने उस देश के नागरिक को गिरफ्तार/हिरासत में लिया है.

आर्टिकल 36(1)(सी) में कहा गया है कि देश A के अधिकारियों को उस देश में सफर करने का अधिकार है जिस देश में गिरफ्तार या हिरासत में लिया गया है. गिरफ्तार व्यक्ति का कानूनी सहायता देने का भी प्रावधान है.

ICJ में पाकिस्तान के पक्ष में 1 तो भारत के पक्ष में 15 वोट

जाधव केस में इंटरनेशनल कोर्ट ने पाकिस्तान से कहा कि वो कुलभूषण को दी गई मौत की सजा की समीक्षा करे. इसका मतलब यह भी है कि जाधव की मौत की सजा पर आईसीजे ने जो रोक लगाई थी, वह जारी रहेगी.

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में पाकिस्तान के पक्ष में 1 तो भारत के पक्ष में 15 वोट पड़े. इसके साथ ही आईसीजे ने जाधव तक राजनयिक पहुंच दिए जाने की भारत की मांग के पक्ष में फैसला सुनाया है. अब भारतीय उच्चायोग जाधव से मुलाकात कर सकेगा और उन्हें वकील और अन्य कानूनी मदद दे पाएगा.

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