मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के श्योपुर में स्थित कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) से एक और दुखद खबर आई है. मादा चीता ज्वाला से जन्मे 4 शावकों में से एक शावक की मौत हो गई है. मौत किस वजह से हुई है, अभी इस बात की जानकारी नहीं मिल सकी है. कूनो नेशनल पार्क में चीतों को बसाने और उनके कुनबे को बढ़ाने के लिए प्रोजेक्ट शुरू हुआ है. प्रधानमंत्री खुद इस नेशनल पार्क में इस बाबत आए थे. लेकिन कूनो नेशनल पार्क में चीतों के कुनबे बढ़ने की बजाय घट रहे हैं.
लगातार हो रही चीतों की मौत
कूनो नेशनल पार्क में लगातार चीतों की मौत हो रही है. मार्च में मादा चीता सासा की मौत हुई, अप्रैल में उदय नाम के चीते की मौत और फिर मादा चीता दक्षा की मौत हुई. अब मादा चीता ज्वाला के शावक की मौत की खबर आई है. पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही इन मौतों से यह आरोप लग रहा है कि कूनो नेशनल पार्क में मॉनीटरिंग टीम और साथ मे लगे एक्सपर्ट सिर्फ खानापूर्ति में लगे हैं. कूनो प्रशासन के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं.
कूनो नेशनल पार्क में बीते दो महीने में तीन चीतों की मौत हो चुकी है, वहीं अब एक शावक ने भी दम तोड़ दिया है.
तीन चीतों और एक शावक की मौत के बाद अब कूनो में 24 में से 20 चीते बचे है, जिसमें से 17 नर-मादा चीते और 3 शावक हैं. पहले नाम्बिबिया से फिर साउथ अफ्रीका से अलग अलग खेप में कूनो नेशनल पार्क में लाये गए थे. इसके साथ ही सभी चीतों को क्वारंटाइन किया गया था, जिनके लिए अलग-अलग छोटे बाड़े बनाये गए थे, जिसमें सभी को शिफ्ट किया गया था और बड़े बाड़े में छोड़ा गया था.
क्विंट हिंदी से बात करते हुए मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ-वन्यजीव) जेएस चौहान ने कहा कि मृत मादा चीते शावक की मौत के कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है.
हमें कूनो में एक चीता शावक की मौत की सूचना मिली है. वन विभाग के अधिकारी उसकी मौत के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.जेएस चौहान, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ-वन्यजीव), MP
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