उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर (Lakhimpur) में "सर्व शिक्षा अभियान" के तहत आई किताबें सरकारी स्कूल के बच्चों के बस्ते की जगह कबाड़ में पहुंच गई. इन किताबों के एक बंडल का वीडियो बनाकर जब पत्रकार ने संबंधित शिक्षा अधिकारी को भेजो, तो प्रशासन की छवि खराब करने की बात कहते हुए मुकदमा दर्ज कर दिया गया.
क्या है पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले के पलिया क्षेत्र में यह मामला सामने आया है, जहां किताबों का बंडल कबाड़ में देखने को मिला. स्थानीय पत्रकारों ने पूरी घटना का वीडियो बनाकर संबंधित शिक्षा अधिकारियों को कार्रवाई के लिए भेजा. इसके बाद खंड शिक्षा अधिकारी ने मामले का संज्ञान लेते हुए अज्ञात के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 के तहत पलिया थाने में अमृत विचार अखबार के जर्नलिस्ट शिशिर शुक्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया.
मुकदमे में लिखी गई शिकायत को देखकर लखीमपुर खीरी के पत्रकार आक्रोशित हैं. उनका आरोप है की खबर देने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय शिक्षा विभाग पत्रकारों को ही निशाना बना रहे हैं. इसको लेकर पत्रकारों के एक ग्रुप ने जिले के आला अधिकारियों से मिलकर अपना पक्ष रखा है.
खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) नागेंद्र चौधरी ने अपनी शिकायत में सूचना देने वाले पत्रकार का नंबर भी सार्वजनिक कर दिया है.
अमृत विचार अखबार के जर्नलिस्ट शिशिर शुक्ला ने बताया कि मैं एक खबर के सिलसिले में जा रहा था, इसी वक्त मैंने देखा कि 'सर्व शिक्षा अभियान' लिखी हुई पुस्तकें कबाड़ी की दुकान से एक ट्रक पर लोड हो रही हैं. इसके बाद हमने इसकी फुटेज ली और हमने इस मसले पर BEO से बात करनी चाही, तो उन्होंने कहा कि मैं बाहर हूं.
इसके बाद किताब बेचने वालों के बजाय मेरे ऊपर ही मुकदमा दर्ज कर दिया गया. मैं ये सोचता हूं कि खबरें लिखना और कवर करना बड़ा मुश्किल काम हो जाएगा. जब पत्रकारों के ऊपर इस तरह के मामले दर्ज होंगे, तो कैसे खबरें कवर की जाएंगी, कैसे हम लोग खबरें लिखेंगे.शिशिर शुक्ला, पत्रकार
उन्होंने आगे कहा कि इस सरकार में पत्रकारिता करना ही अपराध हुआ जा रहा है. अभी आपने देखा होगा कि बांदा में नमक रोटी खाते हुए जिस पत्रकार ने वीडियो बनाया था, उसके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हुआ था. उसी तरह से ये मामला हम पर दर्ज हुआ है.
शिशिर शुक्ला ने कहा कि मैं ये चाहता हूं कि जैसे BEO ने टीचर्स को रात 12 बजे कोतवाली में लाकर हम पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज कराया है, उसी तरह हम भी उन पर मुकदमा दर्ज कराएं.
प्रशासन से हमारी मांग है कि हमने जो तहरीर दी है, उस पर मुकदमा दर्ज हो क्योंकि अभी मुकदमा नहीं दर्ज हुआ है. पुलिस कह रही है कि कप्तान साहब से बात करेंगे.
शिकायत में BEO चौधरी ने कहा है कि
वायरल वीडियो में निःशुल्क वितरण के लिए शासन द्वारा प्रेषित कार्य पुस्तिकाओं को किसी कबाड़ की दुकान द्वारा क्रय किया जाना बताया जा रहा है. घटना से बेसिक शिक्षा विभाग के साथ-साथ शासन प्रशासन की छवि भी नकारात्मक रूप से प्रभावित हो रही है..
"कौन बेच-खरीद रहा, किसी को नहीं पता"
BEO चौधरी ने क्विंट हिंदी से बातचीत में बताया कि इस सत्र की किताबों का वितरण अप्रैल में हो चुका है. कबाड़ की दुकान पर रद्दी बिक रहे थे, तो किसी ने इस सत्र की नई किताबों का एक बंडल उसमें रखकर वीडियो बनाया और उसको सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. कौन बेच रहा है कौन खरीद रहा है, ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई. वह एक बंडल किताब भी अब घटनास्थल से गायब है.
जांच शुरू की गई
मामला बढ़ने के बाद लखीमपुर खीरी के बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने चार सदस्य जांच टीम का गठन कर दिया है. जांच टीम द्वारा अपनी रिपोर्ट 10 दिन के अंदर उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए हैं.
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