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आशीष मिश्रा की बेल का किया था पुरजोर विरोध, SC में बोली योगी सरकार

लखीमपुर खीरी मामले में आशीष मिश्रा की जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर यूपी सरकार ने SC में जवाब दाखिल किया.

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पिछले साल मार्च में किसानों को कुचलने के आरोपी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की जमानत अर्जी का उत्तर प्रदेश सरकार ने विरोध किया था. लखीमपुर खीरी मामले में आशीष मिश्रा की जमानत को चुनौती देने वाली एक याचिका के जवाब में, उत्तर प्रदेश सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा कि आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ अपील दायर करने का फैसला संबंधित अधिकारियों के समक्ष विचाराधीन है.

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सरकार ने कहा कि लगाया गया आरोप पूरी तरह से गलत है कि यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में आशीष मिश्रा की जमानत का विरोध नहीं किया, वहां भी आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी का पुरजोर विरोध किया गया था.

उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में के गवाह पर हमला करने के आरोपों से भी इनकार किया है. सरकार की ओर से कहा गया कि होली पर रंग फेंकने को लेकर विवाद हुआ था.

सरकार ने इन आरोपों से इनकार किया कि हमलावरों ने धमकी दी थी कि अब जब बीजेपी यूपी चुनाव जीत गई है तो वे उसका "ध्यान" रखेंगे.

विवाद की जगह पर उपस्थित चश्मदीदों का कहना है कि ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया था. लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के सभी पीड़ितों और गवाहों के परिवारों को लगातार सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है. गवाहों को हथियारबंद गनर दिए जा रहे हैं. गवाहों के लिए नियमित सुरक्षा मूल्यांकन किया जाता है. हाल की बातचीत में उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था पर संतोष व्यक्त किया है.
उत्तर प्रदेश सरकार

30 मार्च को होगी सुनवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा आशीष मिश्रा को दी गई जमानत को रद्द करने की मांग करने वाले पीड़ितों के परिजनों द्वारा दायर याचिका पर चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली बुधवार, 30 मार्च को सुनवाई करेंगे.

कोर्ट ने 16 मार्च को उत्तर प्रदेश सरकार और आशीष मिश्रा को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था कि क्यों न उनकी जमानत रद्द की जाए. कोर्ट ने एक गवाह पर हुए हमले पर भी चिंता व्यक्त की.

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को दिए गए नोटिस में गवाहों की सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों पर डीटेल जवाब भी मांगा है और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि आशीष मिश्रा को जमानत मिलने के बाद एक प्रमुख गवाह पर बेरहमी से हमला किया गया था.

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