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लखीमपुर हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्र की बेल क्यों की खारिज?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़ित पक्ष की बात नहीं सुनी.

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लखीमपुर खीरी हिंसा के केस में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्र (Ashish Mishra) की जमानत को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. आखिर कोर्ट ने आशीष मिश्र की जमानत अर्जी क्यों खारिज की?

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सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़ित पक्ष की बात नहीं सुनी. SC ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट जमानत अर्जी पर फिर से विचार करे. बेंच ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय से कहा कि वह नए सिरे से जांच करे कि मिश्र को जमानत दी जानी चाहिए या नहीं.

जमानत देने में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिखाई जल्दबाजी?

SC ने कहा कि हाईकोर्ट ने जमानत देने में काफी जल्दबाजी दिखाई, सुप्रीम कोर्ट ने मामले को नए सिरे से विचार के लिए इलाहाबाद कोर्ट में वापस भेज दिया, बेंच ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को कायम नहीं रखा जा सकता और इसलिए जमानत को रद्द किया जाता है.

इससे पहले, अदालत ने आशीष मिश्र को जमानत देने के लिए प्राथमिकी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 'अप्रासंगिक' विवरण को श्रेय देने वाले हाईकोर्ट के आदेश पर आपत्ति जताई थी.

4 अप्रैल को, उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामला, जिसमें आठ लोगों की जान चली गई थी, एक गंभीर अपराध था, लेकिन मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र को जमानत दिए जाने के बाद कोई अप्रिय घटना नहीं हुई.

मिश्र को इस मामले में पिछले साल नौ अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था. 3 अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई झड़पों में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी. हाईकोर्ट ने उन्हें 10 फरवरी को जमानत दे दी

लखीमपुर खीरी में मिश्रा की कार से कुचले गए किसानों के परिवार के सदस्यों ने उन्हें मिली जमानत को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था.

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