राम जन्मभूमि आंदोलन के शिल्पकार और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने शनिवार को कहा कि वह पूरे दिल से अयोध्या मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि उनके रुख की पुष्टि हुई है और वह खुद को धन्य मानते हैं.
लाल कृष्ण आडवाणी ने बयान जारी कर कहा-
अयोध्या मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ की ओर से दिए गए ऐतिहासिक फैसले का खुले दिल से स्वागत करने के लिए मैं देशवासियों के साथ खड़ा हूं. मैं अपने रुख पर कायम हूं और खुद को धन्य महसूस कर रहा हूं कि सुप्रीम कोर्ट ने एकमत से अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ किया.
उन्होंने कहा, 'मैंने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि भगवान राम और रामायण भारत की सांस्कृतिक और सभ्यता की विरासत में एक सम्मानित स्थान पर काबिज हैं.’
आडवाणी ने कहा, 'सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन देने के आदेश का भी मैं स्वागत करता हूं.’
‘कटुता छोड़ सांप्रदायिक एकता और सहमति को गले लगाने का वक्त’
इस पल को मनोकामना पूर्ण होने वाला बताते हुए 92वर्षीय आडवाणी ने कहा कि यह क्षण मेरी कामना पूर्ण होने का है, ईश्वर ने मुझे विशाल आंदोलन में योगदान देने का अवसर दिया जो भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के बाद सबसे बड़ा आंदोलन था.
आडवाणी ने कहा कि लंबे समय से अयोध्या में चल रहे मंदिर-मस्जिद विवाद का पटाक्षेप हो गया और समय आ गया है कि विवाद और कटुता को पीछे छोड़कर सांप्रदायिक एकता और सहमति को गले लगाया जाए.
बता दें, अयोध्या के राम मंदिर आंदोलन में लाल कृष्ण आडवाणी की काफी अहम भूमिका रही है. इस समय लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी 1992 में बाबरी विध्वंस मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं.
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