जम्मू कश्मीर: पहली बार पथराव करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी वापस लेने की घोषणा
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पहली बार पथराव करने में संलिप्त रहे युवाओं के खिलाफ मामले वापस लेने की घोषणा की है. महबूबा ने ट्वीट कर कहा कि यह इन युवा लड़कों और उनके परिवार के लिए आशा की एक किरण है. केंद्र के विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा के सुझाव पर विचार करते हुए यह फैसला लिया गया.
महबूबा ने कहा कि विश्वास बहाली का यह कदम सतत वार्ता के लिए माहौल बनाने की केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है. उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, मेरी सरकार ने पिछले साल मई में प्रक्रिया शुरु की थी लेकिन अशांति के चलते इसे रोक दिया गया था.
सीएम शिवराज का ऐलान, पाठ्यक्रम में शामिल होगा रानी पद्मावती का जीवन
फिल्म ‘पद्मावती’ पर राजपूत समुदाय के विरोध के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मुखर होकर उनके पक्ष में आ गए हैं. उन्होंने न सिर्फ अपने सूबे में फिल्म की रिलीज को बैन करने की घोषणा की है, बल्कि सार्वजनिक मंच से रानी पद्मावती को ‘राष्ट्रमाता’ का दर्जा भी दे दिया. अब इससे आगे बढ़कर वो शिक्षा प्रणाली में भी पद्मावती को प्रमुखता से शामिल करने जा रहे हैं.
बुधवार को शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि चित्तौड़ की रानी पद्मावती के पाठ को अगले शैक्षणिक सत्र से पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. उज्जैन में राजपूत समाज के एक कार्यक्रम में उन्होंने यह घोषणी की.
ट्रंप सरकार ने कहा- अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र से घोषित आतंकी सरगना है सईद
ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान में नजरबंद हाफिज सईद की रिहाई पर नाराजगी जताई है. ट्रंप सरकार ने कहा है कि मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी सरगना है. अमेरिका का यह बयान पाकिस्तानी कोर्ट द्वारा जमात उद दावा प्रमुख को रिहा किए जाने के कुछ घंटों बाद आया है.
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि हम मीडिया खबरों से अवगत है कि पाकिस्तान की अदालत ने लश्कर ए तैयबा सरगना हाफिज सईद की नजरबंदी खत्म करने का आदेश दिया है. उन्होंने सईद की रिहाई के आदेश पर नाखुशी जाहिर की. मई 2008 में अमेरिका ने उसे वैश्विक आतंकी घोषित किया था. दिसंबर 2008 में संयुक्त राष्ट्र ने भी उसे नवंबर 2008 में मुंबई में हुए हमले के लिए दोषी मानते हुए आतंकवादी घोषित किया था.
संसद का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से 5 जनवरी तकः अरुण जेटली
केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि संसद का शीतकालीन सत्र गुजरात चुनावों के मदतान के बाद होगा. शीत सत्र 15 दिसंबर से पांच जनवरी के बीच होने की संभावना है. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि संसद सत्र और चुनाव की तारीखें एक दूसरे से न टकराएं इसलिए सत्र में देरी हुई है. उन्होंने साफ किया कि पहले भी ऐसे हालात में सत्र आगे बढ़ता रहा है.
संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर कांग्रेस के आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए जेटली ने कहा है कि सत्र को आगे बढ़ाने के बारे में कुछ भी अस्वाभाविक नहीं है. शीतकालीन सत्र का कार्यक्रम ऐसा होगा कि इसका विधानसभा चुनाव से टकराव नहीं हो और यह नियमित सत्र होगा. लोकतंत्र में जब चुनाव होते हैं, तब राजनीतिक दलों को सीधे लोगों को संबोधित करना होता है. सामान्य तौर पर चुनाव और संसद सत्र की तिथियों में टकराव नहीं होता.
अब होगा इनकम टैक्स में सुधार
सालों से लंबित जीएसटी को लागू कर देश की अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में ऐतिहासिक परिवर्तन करने के बाद मोदी सरकार अब प्रत्यक्ष कर ढांचे में सुधार की दिशा में बढ़ रही है. इसके तहत सरकार नया आयकर कानून बनाने जा रही है. इस संबंध केंद्र ने एक टास्क फोर्स गठित की है. यह 56 साल पुराने आयकर कानून की समीक्षा करेगी. इसके आधार पर एक नए प्रत्यक्ष कर कानून का मसौदा तैयार करेगी.
नए कानून में मध्यवर्ग और उद्योग जगत को टैक्स में सीधे राहत देकर मांग और निवेश बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं. मौजूदा आयकर कानून 1961 में बना था. अब तक इसमें कई संशोधन हो चुके हैं. यही वजह है कि पीएम मोदी ने इस साल 1-2 सितंबर को नई दिल्ली में शीर्ष कर अधिकरियों के ‘राजस्व ज्ञान संगम’ में मौजूदा आयकर कानून की समीक्षा कर इसका मसौदा फिर से तैयार करने की जरूरत पर जोर दिया था. एक जुलाई को जीएसटी के शुभारंभ के मौके पर प्रधानमंत्री ने संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में स्पष्ट संकेत दिया था कि जीएसटी के बाद उनकी सरकार का लक्ष्य आयकर कानून में सुधार करना है.
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