पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री चिन्मयानंद पर यौन शोषण और उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली कानून की छात्रा मंगलवार को लखनऊ की एक विशेष अदालत में अपने बयान से पलट गई. यह छात्रा विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान अपना बयान देने के लिए पेश हुई थी.
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, छात्रा ने अदालत को बताया कि उसने चिन्मयानंद के खिलाफ दबाव में आरोप लगाए थे. हालांकि, अभियोजन पक्ष ने आरोपों से मुकरने पर छात्रा के खिलाफ कार्रवाई के लिए अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 340 के तहत अर्जी दाखिल की.
जज पीके राय ने अपने कार्यालय को यह याचिका पंजीकृत करने के निर्देश दिए और अभियोजन पक्ष से कहा कि वो अर्जी की एक कॉपी पीड़ित पक्ष और अभियुक्त पक्ष को उपलब्ध कराए. इस मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी.
छात्रा ने 2019 में दिल्ली के लोधी कॉलोनी थाने में चिन्मयानंद के खिलाफ केस दर्ज कराया था. इसके अलावा उसके पिता ने भी शाहजहांपुर में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इन दोनों ही केस को एक साथ जोड़ दिया गया था.
मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने लड़की का बयान दर्ज किया था. उसके बाद अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत शाहजहांपुर में भी उसका बयान रिकॉर्ड किया गया था.
दोनों ही बयानों में उसने केस में लगाए गए आरोपों को सही बताया था. मगर अब वह अपने बयान से पलट रही है और मुकदमे में लगाए गए आरोपों से इनकार कर रही है. चिन्मयानंद के खिलाफ दर्ज मामला काफी चर्चा में रहा था. इस मामले में उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी.
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