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शेयर बाजार में 3 महीने के अंदर LIC के 57 हजार करोड़ स्वाहा

एलआईसी को ये नुकसान दूसरे क्वार्टर में हुआ है

Published
भारत
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देश की सबसे बड़ी बीमा कपंनी के दूसरे क्वार्टर में 57 हजार करोड़ की चोट लगी है. हुआ ऐसा कि एलआईसी ने जिन कंपनियों के शेयरों में निवेश किया, उनमें से 81 फीसदी कंपनियों के बाजार में भाव गिर गए. एलआईसी अपने बड़े निवेशों और कंपनियों में शेयरधारक होने के लिए भी जानी जाती है.

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बता दें, एलआईसी का सबसे ज्यादा निवेश आईटीसी में है, उसके बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, ओएनजीसी, एल एंड टी, कोल इंडिया, एनटीपीसी, इंडियन ऑयल और रिलायंस इंडस्ट्रीज में निवेश है.

जुलाई से सितंबर के बीच हुआ ये नुकसान

बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक, पहले क्वार्टर के अंत तक शेयर बाजार की लिस्टेड कंपनियों में एलआईसी का निवेश मूल्य 5.43 लाख करोड़ रुपये का था, जो कि अब घटकर 4.86 लाख करोड़ रुपये का हो गया है. इस तरह एलआईसी को 57 हजार करोड़ का नुकसान हो गया है.

रिजर्व बैंक के मुताबिक, बीते दस सालों में एलआईसी ने सरकारी कंपनियों में अपना निवेश बड़े पैमाने पर बढ़ाया है.

रिजर्व बैंक के आंकड़े बताते हैं कि मार्च 2019 तक एलआईसी ने 26.6 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया. इसमें से सरकारी कंपनियों में एलआईसी ने 22.6 लाख करोड़ रुपये निवेश किए. वहीं प्राइवेट सेक्टर में 4 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया.

सरकारी कंपनियों में एलआईसी का निवेश आज से दस साल पहले सरकारी कंपनियों में कुल निवेश का 75 फीसदी हुआ करता था. अब एलआईसी के कुल निवेश में से 85 फीसदी सरकारी कंपनियों में होता है.

क्या सरकार अपना एजेंडा पूरा कर रही है ?

एलआईसी एक ऐसी कंपनी है जिसके पास देश के लोगों का लाखों करोड़ रुपये हैं. कहा जा रहा है कि केंद्र सिरकार एलआईसी के जरिए अपना विनिवेश का एजेंडा पूरा करने में लगी हुई है. एक तरह से एलआईसी का इस्तेमाल सरकारी कंपनियों के मुक्तिदाता की तरह किया जा रहा है.

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