भारतीय वायुसेना ने देश में बनें हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर को सोमवार को ऑफिशियली अपने बेड़े में शामिल कर लिया है. जोधपुर एयरबेस में हुए इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह देश के नए सीडीएस जनरल अनिल चौहान और चीफ ऑफ एयर स्टाफ चीफ मार्शल वीआर चौधरी भी मौजूद रहे. इस एलसीएच हेलीकॉप्टर को प्रचंड नाम दिया गया है. आइये जानते हैं इसकी क्या-क्या खासियत है?
किस कंपनी ने बनाया है ?
एलसीएच देश का पहला अटैक हेलीकॉप्टर है, जिसे सरकारी उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड यानी एचएएल ने तैयार किया है. इसे ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात करने के लिए प्राथमिक रूप से डिजाइन किया गया है.
15 एलसीएच खरीदने की मंजूरी दी गई थी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में इस साल मार्च में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति की बैठक में देश में बनें 15 एलसीएच को 3,887 करोड़ रुपये में खरीद को मंजूरी दी गई थी. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इनमें से 10 हेलीकॉप्टर वायुसेना और पांच थलसेना के लिए होंगे.
एलसीएच हेलीकॉप्टर की क्या हैं खासियतें
LCH हेलीकॉप्टर का वजन 6 टन है. अन्य लड़ाकू हेलीकॉप्टर के मुकाबले यह काफी हल्का है.
वजन कम होने के चलते LCH हाई ऑल्टिट्यूड एरिया में भी अपनी मिसाइल और दूसरे हथियारों से लैस होकर टेकऑफ और लैंडिंग कर सकता है
LCH एयर टू एयर यानि हवा से हवा में मार करने वाले मिसाइल और हवा से जमीन पर मार करने वाले मिसाइल से लैस है.
इस हेलीकॉप्टर की रफ्तार 270 किलोमीटर प्रति घंटे है. इसकी लंबाई 51.1 फीट है और 15.5 फीट ऊंचाई है.
एलसीएच में 70 एमएम के 12-12 रॉकेट के दो पॉड लगे हुए हैं.
इसमें 22 एमएम की गन है जो 110 डिग्री में किसी भी दिशा में घूम सकती है.
कैनन से दाग सकता है एक मिनट में 750 गोलियां
15-16 हजार फीट की उंचाई से भी दुश्मन के बंकर्स को तबाह करने की क्षमता
LCH दुनिया का एकमात्र अटैक हेलीकॉप्टर जो 5 हजार मीटर की उंचाई पर उतर और उड़ान भर सकता है
बॉडी आरमर्ड है जिससे उसपर फायरिंग का कोई खास असर नहीं होगा
रोटर्स यानि पंखों पर गोली का भी असर नहीं होगा
काउंटर इंसरजेंसी और Combat Search and rescue जैसे काम को अंजाम देने की क्षमता
पायलट के हेलमेट पर ही कॉकपिट के सभी फीचर्स डिसप्ले हो जाते हैं.
- 01/02
Quint Hindi
- 02/02
बताया जाता है कि कारगिल युद्द के बाद से ही भारत ने इस लड़ाकू हेलीकॉप्टर को बनाने का मन बना लिया था. इस प्रोजेक्ट को 2006 में मंजूरी दी गई. पिछले 15 सालों की मेहनत के बाद लड़ाकू हेलीकॉप्टर (LCH) को आज औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना ने अपने बेड़े में शामिल कर लिया .
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)