द क्विंट (The Quint) के एडिटर-इन-चीफ राघव बहल (Raghav Bahl) शुक्रवार, 11 नवंबर को टाटा लिटरेचर लाइव के 13वें संस्करण में 'सोशल मीडिया लोकतंत्र को मजबूत करता है ('Social Media Strengthens Democracy') विषय पर बहस की अध्यक्षता करेंगे. वहीं, दूसरे दिन 12 नवंबर को बीआर अंबेडकर की खोई हुई विरासत पर अनुभवी राजनेता शशि थरूर के साथ चर्चा करेंगे.
बातचीत थरूर की पुस्तक, अम्बेडकर: ए लाइफ के विमोचन के बाद होगी और भारत के संविधान और आज की वास्तविकता के बीच असमानता पर चर्चा होगी.
क्या हम दुनिया के सबसे प्रगतिशील संविधानों में से एक माने जाने वाले मुख्य वास्तुकार अम्बेडकर द्वारा दी गई चेतावनियों को सुनने में असफल रहे?
थरूर लिखते हैं कि अम्बेडकर का मानना था कि संविधान के उच्च आदर्शों के बावजूद, भारत सामंतवाद, जातिवाद, कट्टरता और संकीर्णतावाद की ताकतों को हराकर जनता के बीच संवैधानिक मूल्यों के माध्यम से ही वास्तव में लोकतांत्रिक और समतावादी बन सकता है.
राघव बहल और शशि थरूर शनिवार को दोपहर 12:00-1: 00 बजे तक इस विषय पर आगे विचार-विमर्श करेंगे. 'फ़ेडिंग ब्लूप्रिंट' शीर्षक वाला यह कार्यक्रम एनसीपीए, टाटा थिएटर में आयोजित किया जाएगा.
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