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ताज महोत्सव में LGBTQ फैशन शो - लोकल मीडिया ने किया शर्मसार

आगरा के ताज महोत्सव में रैंप पर उतरे LGBTQ मॉडल्स तो मीडिया बोला – तोड़ दी परंपराएं.

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  • ताज महोत्सव 2016 का थीम है ‘हम एक संस्कृति अनेक’
  • आगरा के ताज महोत्सव में रैंप पर उतरे LGBT’s तो मीडिया बोला – तोड़ दी परंपराएं
  • LGBTQ मॉडल्स ने रैंप से लोगों को दिखाए पोस्टर्स, बोले गलत नजर से न देखें

अगर किसी फैशन शो के दौरान समलैंगिक रैंप उतरते हैं तो यह गलत है ? क्या इससे किसी महोत्सव की परंपराएं टूट जाती हैं ? क्या रैंप पर कैटवॉक करने से LGBTQ ‘नायक’ की तरह प्रोजेक्ट हो जाते हैं ? महज एक फैशन शो से किसी की भावनाएं आहत हो सकती हैं ?

इन सब सवालों के जबाव में आप भले ही ‘न’ कहेंगे. लेकिन आगरा में ताज महोत्सव के दौरान हुए एक LGBTQ फैशन शो के बाद वहां के कुछ अखबारों ने ऐसा ही कुछ लिखा है. उन्होंने इस फैशन शो को परंपराओं के खिलाफ बताया.

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LGBTQ फैशन शो से परंपराएं कैसे टूट सकती हैं?

एक अखबार ने लिखा -

ऐसे विवादित प्रयोग से प्रसिद्ध आयोजन की परंपराएं तार-तार हो गईं. समलैंगिक जोड़ों से कैटवॉक कराया गया औऱ उन्हें नायकों की तरह प्रोजेक्ट किया गया

इसके आगे अखबारों ने यह भी लिखा है कि इस शो में समलैंगिकों को नायक की तरह प्रोजक्ट किया गया. आगे लिखा कि ऐसे शो से परंपरावादी दर्शकों की भावनाएं भी आहत हो गईं.

दुनिया भर से आए थे LGBT समुदाय के लोग

‘प्राइड रेनबो’ नाम के इस फैशन शो में दुनिया भर से लोग पहुंचे थे. अमेरिका से ऐसे ही एक गे-कपल बलवीर-माइकल भी इस शो का हिस्सा बनने पहुंचे. इसके अलावा दिल्ली, हरियाणा उत्तर प्रदेश से LGBT’s ने इस शो में आगरा पहुंचकर हिस्सा लिया. इस शो की फोटोग्राफी के लिए इटली से फैड्रिको भी आगरा पहुंचे थे.

‘जारी रहेगी लड़ाई- एक दिन तो ये हमें समझेंगे’

शो में प्रतिभाग करने वाली ट्रांसजेंडर और डीयू से पढ़ाई कर रहीं स्नेहा ने बताया कि LGBT’s को लोग गलत नजर से मानते हैं, यह जागरूकता की कमी है. उन्होंने बताया ‘लोगों को L, G, B और T को अलग-अलग समझना होगा. हम अपनी लड़ाई तब तक जारी रखेंगे जब तक हमें सम्मान नहीं मिल जाता और लोग हमें समझ नहीं लेते.

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