ADVERTISEMENTREMOVE AD

लॉकडाउन 3 : ‘बैल’ बनकर बैलगाड़ी खींचने को मजबूर ये प्रवासी मजदूर

लॉकडाउन के कारण देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूर

Published
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए उठाए गए एहतियाती कदमों के कारण काम धंधे बंद है और लोग घरों को लौटने के लिए बेताब है. घरों को लौटते मजदूरों की तस्वीरें जो सामने आ रही हैं वह दिल दहला देने वाली हैं. ऐसी ही एक तस्वीर इंदौर के महू से सामने आई है, जहां इंसान ही बैलगाड़ी में बैल बनकर उसे खींचे जा रहा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सोशल मीडिया पर एक वीडियो और तस्वीरें वायरल हो रही हैं जो इंदौर के महू की बताई जा रही है. इस बैलगाड़ी में एक तरफ बैल है तो दूसरी तरफ इंसान बैल बनकर बैलगाड़ी का खींचे जा रहा है, वहीं बैलगाड़ी पर परिवार के दो और सदस्य सवार हैं जो महू से पत्थर मुंडला गांव के लिए निकले हैं.

हम्माली का काम करने वाले व्यक्ति का नाम राहुल बताया जा रहा है और वह अपने परिवार के साथ महू में रहकर रोजी-रोटी कमाया रहा था, मगर कोरोना महामारी के कारण सारे काम धंधे बंद हो गए, स्थितियों में उसके लिए वक्त काटना मुश्किल हो गया पूंजी भी खत्म होती गई . बढ़ते आर्थिक संकट के बीच उसने अपने एक बैल को ही बेच दिया, फिर उसे लगा कि अब महू में रहना उसके लिए मुश्किल हो जाएगा, लिहाजा उसने अपने गांव लौटने का मन बना लिया.

यह श्रमिक परिवार बैलगाड़ी से ही अपने गांव की तरफ निकल पड़ा. एक बैल होने पर दूसरे बैल की भूमिका परिवार के सदस्य निभा रहे है. रास्ते में मीडिया से जुड़े लोगों ने उससे बात की तो उसका यही कहना था कि एक ही बैल उसके पास है तो उसके पास ऐसा करने यानी की बैल की तरह बैलगाड़ी को आगे खींचने के अलावा केाई दूसरा रास्ता नहीं है. परिवार में कुल तीन सदस्य हैं जिसमें दो पुरुष हैं. वे दोनों बारी-बारी से बैल बनकर गाड़ी को खींचे जाते हैं. एक बैल की जगह नथकर गाड़ी खींचता है तो दूसरा सहयोग करता है. जब यह दोनों थक जाते हैं तो महिला भी बैल की भूमिका निभाने लगती है.

बैलगाड़ी में एक तरफ बैल की जगह इंसान के होने का वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं मगर इसकी आधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि करने को तैयार नहीं है. इस वीडियो को तमाम लो साझा भी कर रहे हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×