लॉकडाउन 4 अभी खत्म नहीं हुआ है लेकिन देशभर में 25 मई से हवाई यात्रा शुरू हो गई है. फिलहाल एक तिहाई उड़ानों के साथ डोमेस्टिक फ्लाइट्स को इजाजत दी गई है. जिसके बाद देश के अलग-अलग शहरों के एयरपोर्ट से यात्री हवाई सफर पर निकल रहे हैं. लेकिन अब कोरोना संकट के बीच हवाई यात्रा पहले जैसी तो बिल्कुल नहीं रही. कई सारे नियम कायदे हैं जिनका आपको खास खयाल रखना है तभी आप हवाई यात्रा कर पाएंगे अगर एक भी नियम तोड़ा या फिर भूले तो यात्रा कैंसिल होना लगभग तय है.
कैसा रहा यात्रियों का अनुभव?
25 मई को हवाई सफर का पहला दिन था और पहले ही दिन कई यात्रियों को निराश होकर वापस घर लौटना पड़ा. कई यात्रियों की शिकायतें सामने आई हैं. सुबह एयर इंडिया बेंगलुरु-हैदराबाद फ्लाइट के कुछ यात्रियों ने कहा कि एयरपोर्ट एंट्री पर उनके बोर्डिंग पास स्कैन हुए, तभी उन्हें बताया गया कि उनकी बोर्डिंग कैंसिल हो चुकी है. उन्हें अचानक ये जानकर झटका लगा. वहीं मुंबई के छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक महिला ने बताया कि उनकी दिल्ली की फ्लाइट बिना किसी पहले से दिए नोटिस के ही रद्द हो गई.
दरअसल ये सब इसलिए हो रहा है क्योंकि महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हर दिन 25 टेकऑफ और 25 लैंडिंग की ही इजाजत दी है. पश्चिम बंगाल के कोलकाता और बागडोगरा, आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम और विजयवाड़ा हवाई अड्डों से 25 मई को घरेलू उड़ानों का ऑपरेशन शुरू नहीं हो सका है.
अधिकारियों ने 24 मई को बताया कि कोलकाता और बागडोगरा हवाईअड्डे से 28 मई से हर दिन सिर्फ 20 उड़ानों का ऑपरेशन शुरू होगा. इन्हीं वजहों से दिल्ली के IGI एयरपोर्ट से करीब 80 अराइवल/डिपार्चर फ्लाइट रद्द हो चुकी हैं. पहले जो शेड्यूल बनाया गया था, उसमें वो एयरपोर्ट भी शामिल थे, जहां अभी सीमित सेवाओं की ही अनुमति दी गई है या यात्रा सेवा को टाल दिया गया है.
क्विंट की रिपोर्टर अस्मिता नंदी आज दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट एयर ट्रैवल की नई व्यवस्थाओं का जायजा लेने गईं. एयरपोर्ट पर तो पूरी सावधानी बरती जा रही है लेकिन फ्लाइट में सीटों के बीच में कोई गैप नहीं है. बीच की सीटों पर भी यात्री बैठे हैं.
DRDO में काम करने वाली वर्षा ने आज इंदौर से दिल्ली की फ्लाइट से सफर किया उन्होंने बताया कि उन्होंने सुरक्षा के साथ यात्रा की. जगह-जगह थर्मल स्क्रीनिंग हुई. हर जगह सैनेटाइजर उपलब्ध थे, बैग को सैनेटाइज किया गया.
ये यात्रा का एक अलग ही अनुभव था. जैसे ही हमने एयरपोर्ट में प्रवेश किया एयरपोर्ट की एंट्री से पहले ही हम लोगों के बैग को सैनेटाइज किया गया. सभी जगह सोशल डिस्टेंसिंग रखी जा रही है. फ्लाइट के अंदर भी सभी लोगों ने मास्क पहना हुआ है. 2-2 पंक्तियों को बुलाकर बैठाया जा रहा है और वैसे ही उतारा जा रहा है ताकि भीड़ न हो.वर्षा, पैसेंजर
द क्विंट ने इंडियन आर्मी के जवान इंद्रजीत कुमार से बात की जो कि दिल्ली से पटना अपने घर जाने के लिए फ्लाइट ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट तक आने में उनको कोई दिक्कत नहीं हुई. वो 3 घंटे पहले ही एयरपोर्ट आ गए. गाइडलाइंस के बारे में उन्होंने बताया कि बिहार जाने पर उन्हें 14 दिन तक क्वॉरंटीन में रहना पड़ेगा.
जब हम एयरपोर्ट में एंट्री कर रहे हैं तो मास्क, सैनेटाइजर होना जरूरी है. फ्लाइट में खाना नहीं मिलेगा तो मैं खुद अपना खाना लेकर आया हूं.इंद्रजीत कुमार, पैसेजंर
AAI की गाइडलाइन क्या हैं?
AAI ने अपनी पूरी गाइडलाइन को डिपार्चर और अराइवल में बांटा है. राज्य सरकार एयरपोर्ट के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट और प्राइवेट टैक्सी सुनिश्चित करेंगी. फ्लाइट से 2 घंटे पहले आपको एयरपोर्ट पहुंचना होगा. यात्रियों को मास्क, ग्लव्स जैसे इक्विपमेंट पहनने होंगे. आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना अनिवार्य होगा. यात्रा के पहले सभी को थर्मल स्क्रीनिंग से गुजरना होगा. अगर आरोग्य सेतु ऐप पर अगर ग्रीन नहीं दिखा तो उन्हें प्रवेश नहीं दिया जाएगा. एयरपोर्ट ऑपरेटर को कहा गया कि जगह-जगह यात्रियों के लिए हैंड सैनिटाइजर मुहैया कराए.
फ्लाइट के अराइवल को लेकर भी AAI ने गाइडलाइन दी हैं. जैसे कि यात्रियों को बैच में प्लेन से उतारने के लिए फ्लाइट में अनाउंसमेंट किया जाएगा. सीक्वेंस के मुताबिक यात्रियों को प्लेन से बैच में उतारा जाएगा. कन्वेयर बेल्ट पर बैगेज डालने से पहले एयरपोर्ट स्टाफ यात्रियों के सामान को डिसइंफेक्ट करेगा. डेस्टिनेशन एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद यात्रियों को उस राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करना होगा.
हवाई सफर के पहले दिन का हाल पॉडकास्ट के जरिए हमने आपको बताया. लेकिन आने वाले दिनों में अगर आप भी एयर ट्रैवल करने की सोच रहे हैं तो जो भी सावधानियां बताई गई हैं. उनका खास ख्याल रखें. बिल्कुल भी ढिलाई न बतरें. जरूरी हो तभी यात्रा करें. जब तक कोरोना कोरोना का कोई इलाज या वैक्सीन नहीं आ जाती हमें ऐसे ही खुद का बचाव करते हुए जीने की आदत डालनी पड़ेगी.
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