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Lok Sabha Election: छठे चरण में 58 सीटों पर वोटिंग, जानिए VIP सीटें और राज्यवार समीकरण

इस चरण में तीन पूर्व मुख्यमंत्री, तीन पूर्व केंद्रीय मंत्री और एक पूर्व हाईकोर्ट जज चुनावी मैदान में होंगे.

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भारत
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लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के छठे चरण (Sixth Phase) के लिए 25 मई सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू हो गई है. 25 मई को 8 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश की कुल 58 सीटों पर वोटिंग जारी है. इस दौरान तीन पूर्व मुख्यमंत्री, तीन पूर्व केंद्रीय मंत्री और एक पूर्व हाईकोर्ट जज चुनावी मैदान में होंगे. इसके अलावा, भी कई दिग्गजों की किस्मत भी ईवीएम में कैद होगी. चलिए इस चरण की वीआईपी सीटों पर नजर डालते हैं और राज्यों के चुनावी रण का गणित बताते हैं.

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किन राज्यों की किन सीटों पर मतदान होगा?

उत्तर प्रदेश (14 सीट): सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर, श्रावस्‍ती, डुमरियागंज, बस्ती, संत कबीर नगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर और भदोही

हरियाणा (10 सीट): कुरुक्षेत्र, अंबाला, सिरसा, करनाल, सोनीपत, रोहतक, भिवानी- महेंद्रगढ़, गुडगांव, फरीदाबाद, हिसार

बिहार (8 सीट): पश्चिम चंपारण, महाराजगंज, वाल्मीकि नगर, शिवहर, वैशाली, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान

पश्चिम बंगाल (8 सीट): तामलुक, झारग्राम, मेदिनीपुर, बांकुरा, विष्णुपुर, कांथी, घाटल, पुरुलिया

दिल्ली (7 सीट): पूर्व दिल्ली, पश्चिम दिल्ली, दक्षिण दिल्ली, चांदनी चौक, उत्तर पूर्व दिल्ली, उत्तर पश्चिम दिल्ली, नई दिल्ली

ओडिशा (6 सीट): संबलपुर, क्योंझर, ढेंकनाल, कटक, पुरी, भुवनेश्वर

झारखंड (4 सीट): गिरिडीह, जमशेदपुर, धनबाद, रांची

जम्मू-कश्मीर (1 सीट): अनंतनाग - राजौरी

इन 58 सीटों पर 2019 में क्या हुआ था?

लोकसभा चुनाव का ये चरण दिलचस्प है, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के अलावा 7 राज्यों में से तीन राज्य - यूपी, हरियाणा और बिहार में बीजेपी (एनडीए) की सरकार है. इसके अलावा झारखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली में इंडिया गठबंधन की सरकार है.

2019 में बीजेपी और एनडीए ने इन 42 सीटें जीतीं थीं, वहीं इंडिया गठबंधन ने 7 सीटें जीतीं थीं. इसके अलावा बीजेडी ने 4 और बीएसपी ने 4 सीटें जीतीं थीं.

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सबसे ज्यादा बीजेपी के उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले

  • कुल 889 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. इनमें से 183 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, 141 पर हत्या और अपहरण जैसे गंभीर आरोप भी हैं. सबसे ज्यादा बीजेपी के 28 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले चल रहे हैं फिर समाजवादी पार्टी के 9, कांग्रेस के 8, AAP के 5, टीएमसी के 3, आरजेडी के 3 और बीजेडी के 2.

  • वहीं 889 उम्मीदवारों में से 39% यानी 343 करोड़पति हैं. इनके पास औसत संपत्ति 6.21 करोड़ रुपये हैं. सबसे ज्यादा बीजेपी के 48 उम्मीदवार करोड़पति हैं. कांग्रेस से बीजेपी में आए नवीन जिंदल सबसे अमीर उम्मीदवार हैं. उनके पास 1,241 करोड़ की संपत्ति है. कांग्रेस के 20 उम्मीदवार करोड़पति हैं, समाजवादी पार्टी 11, टीएमसी 7, बीजेडी 6, AAP 4.

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वीआईपी सीटें और दिग्गजों पर एक नजर

करनाल (हरियाणा): यहां से बीजेपी ने हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर को चुनावी मैदान में उतारा है. 70 वर्षीय खट्टर का मुकाबला हरियाणा युवा कांग्रेस अध्यक्ष 30 वर्षीय दिव्यांशु बुद्धिराजा से है. हरियाणा की करनाल लोकसभा सीट पर 2019 में बीजेपी को 70% से ज्यादा वोट मिले थे तब ये भारत में दूसरी सबसे बड़ी जीत थी. कांग्रेस को पिछले चुनाव में केवल 19% वोट मिले थे.

अनंतनाग-राजौरी (जम्मू कश्मीर): परिसीमन के बाद पहली बार अस्तित्व में आई इस सीट से जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती चुनावी मैदान में हैं. मुफ्ती के सामने नेशनल कॉन्फ्रेंस के मियां अल्ताफ और अपनी पार्टी से जफर इकबाल मन्हास हैं. इससे यहां त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा. वहीं कांग्रेस छोड़कर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी बनाने वाले गुलाम नबी आजाद की पार्टी भी यहां के चुनाव मैदान में है. 2019 में यहां से सबसे ज्यादा वोट नेशनल कॉन्फ्रेंस को मिले थे.

डुमरियागंज (उत्तर प्रदेश): बीजेपी ने एक दिन के सीएम बन कर सुर्खियों में आने वाले जगदंबिका पाल को अपना प्रत्याशी बनाया है. 2009 में ये कांग्रेस के टिकट पर संसद पहुंचे फिर 2014 और 2019 में बीजेपी के सांसद रहे. वहीं सामने भीष्म शंकर कुशल तिवारी हैं जो संत कबीर नगर से बीएसपी के सांसद रह चुके हैं. इस बार समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हैं.

संबलपुर (ओडिशा): बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को उम्मीदवार बनाया है. प्रधान को मोदी फैक्टर का फायदा मिलेगा. सामने बीजेडी ने प्रणब प्रकाश दास को मैदान में उतारा. दास बीजेडी के संगठन मंत्री हैं और 3 बार के विधायक रहे हैं. ये सीट पिछले 3 चुनावों से हर बार दूसरी पार्टी ने जीती है.

फरीदाबाद (हरियाणा): बीजेपी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और इसी सीट से 2 बार सांसद रहे कृष्ण पाल सिंह गुर्जर को प्रत्याशी बनाया है सामने कांग्रेस के महेंद्र प्रताप सिंह चुनावी मैदान में हैं. इस सीट पर 5 बार बीजेपी और 6 बार कांग्रेस जीत दर्ज कर चुकी है.

गुड़गांव (हरियाणा): बीजेपी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को स्टार और कांग्रेस नेता राज बब्बर के सामने उतारा है. इंद्रजीत सिंह इस सीट से तीन बार सांसद रह चुके हैं.

नई दिल्ली: बीजेपी ने बांसुरी स्वराज को प्रत्याशी बनाया है, ये पहली बार चुनाव लड़ रही हैं और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी हैं, सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं. सामने इंडिया गठबंधन की और से AAP के सोमनाथ भारती हैं जो पेशे से वकील ही हैं. भारती 3 बार विधायक रह चुके हैं, दिल्ली सरकार में मंत्री भी रहे हैं.

उत्तर पूर्वी दिल्ली: बीजेपी ने यहां से भोजपुरी स्टार मनोज तिवारी को उतारा है. तिवारी बीजेपी दिल्ली के अध्यक्ष रह चुके हैं और दो बार के सांसद हैं. सामने इंडिया गठबंधन ने कन्हैया कुमार को टिकट दिया है. कन्हैया के पक्ष में AAP भी प्रचार कर रही है. कन्हैया 2019 का चुनाव बिहार से हार चुके हैं.

सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश): बीजेपी ने इस बार भी मेनका गांधी को टिकट दिया है जो इसी सीट से 8 बार सांसद रह चुकी हैं. वहीं एसपी-बीएसपी ने निषाद और कुर्मी वोट काटने के लिए इन्हीं समुदायों से प्रत्याशी उतारे हैं. समाजवादी पार्टी ने राम भुआल निषाद को टिकट दिया है.

आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश): यहां का मुकाबला बेहद दिलचस्प होने जा रहा है. बीजेपी की ओर से फिर से दिनेश लाल यादव निरहुआ हैं और समाजवादी पार्टी की ओर से धर्मेद्र यादव. दोनों दूसरी बार आमने-सामने हैं. यादव गढ़ को बीजेपी ने 2022 के उप चुनाव में ढहा दिया था. धर्मेंद्र अखिलेश यादव के भाई हैं.

कुरुक्षेत्र (हरियाणा): कांग्रेस से बीजेपी में आए नवीन जिंदल बीजेपी की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं. सामने AAP के सुशील गुप्ता और INLD के अभय सिंह चौटाला हैं. बीजेपी इस सीट से पहले दो बार जीत चुकी है. नवीन जिंदल कांग्रेस के टिकट पर 2014 का चुनाव हारे थे.

पुरी (ओडिशा): बीजेडी के गढ़ में बीजेपी ने एक बार फिर संबित पात्रा को मौका दिया है जो पिछला चुनाव 11 हजार वोटों से हारे थे. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा का मुकाबला IPS रहे अरूप मोहन से होगा, जो अपना पहला चुनाव हारे थे. उधर जगन्नाथ को लेकर अपनी टिप्पणी के बाद पात्रा को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.

तामलुक (पश्चिम बंगाल): बीजेपी ने कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज को उतारा है जो ममता सरकार से जुड़े मामलों पर फैसला देकर सूर्खियों में आए. सामने टीएमसी के युवा नेता देबांगशु भट्टाचार्य हैं.

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