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पश्चिम बंगाल छठे चरण में 78% वोटिंग, EVM में छेड़छाड़ का आरोप- हिंसा की घटनाएं दर्ज हुई

TMC ने BJP पर लोकसभा चुनाव के छठे चरण के दौरान बांकुरा में EVM के साथ कथित रूप से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया

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पश्चिम बंगाल (West Bengal) में 25 मई को लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) के छठे चरण के लिए मतदान पूरा हो चुका है. राज्य में शाम 6 बजे तक 78.2% वोटिंग हुई है. हालांकि ये फाइनल आंकड़ा नहीं, वोटिंग पर्सेंट में अभी बढ़ोतरी होने की संभावना है. इसी के साथ बंगाल की 42 में से 33 सीटों पर वोटिंग पूरी हो चुकी है.

इस बार भी पश्चिम बंगाल में लोकसभा के लिए वोटिंग बिना हिंसा और आरोप-प्रत्यारोप के नहीं हुई. टीएमसी ने ईवीएम से छोड़छाड़ का आरोप लगाया है, तो कई इलाकों में हिंसा भी देखने को मिली.

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8 सीटों पर कितनी वोटिंग हुई?

2024 को लेकर फाइनल आंकड़ा नहीं आया है. वोटिंग पर्सेंट में बढ़ोतरी की संभावना है.

  • तामलुक

2024: 79.8%

2019: 85.38%

2014: 87.59%

  • झारग्राम

2024: 80.16%

2019: 85.71%

2014: 85.26%

  • मेदिनीपुर

2024: 77.6%

2019: 84.24%

2014: 84.02%

  • बांकुरा

2024: 76.8%

2019: 83.25%

2014: 82.21%

  • विष्णुपुर

2024: 81.4%

2019: 87.34%

2014: 86.72%

  • कांथी

2024: 75.6%

2019: 85.83%

2014: 86.61%

  • घाटल

2024: 79.6%

2019: 82.74%

2014: 84.86%

  • पुरुलिया

2024: 74.4%

2019: 82.38%

2014: 81.84%

2019 में इन 8 सीटों में से 5 सीटें बीजेपी के पास थी और 3 सीटें टीएमसी के पास. 2014 के चुनावी नतीजों की बात करें तो तब आठों सीटें टीएमसी के पास थी. बता दें कि जिन सीटों को बीजेपी ने टीएमसी से छीन कर जीता था उन सीटों पर वोटिंग प्रतिशत में 2014 के मुकाबले 2019 में बढ़ोतरी हुई थी. 2019 में बीजेपी ने पुरुलिया, विष्णुपुर, बांकुरा, झारग्राम और मेदिनीपुर में जीत हासिल की थी.

चुनावी विश्लेषक आमतौर पर मानते हैं कि जब वोटिंग प्रतिशत में बढ़ोतरी होती है तो जनता सत्ता परिवर्तन चाहती है और जब वोटिंग प्रतिशत में कमी आती है तो माना जाता है कि जनता को सत्ता परिवर्तन में दिलचस्पी नहीं है. हालांकि ऐसा हमेशा सही नहीं होता. सटीक नतीजे चुनाव आयोग 4 जून को जारी करेगा.

TMC ने लगाए EVM के साथ छेड़छाड़ के आरोप

तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी पर लोकसभा चुनाव 2024 के छठे चरण के दौरान बांकुरा के रघुनाथपुर निर्वाचन क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) के साथ कथित रूप से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया.

टीएमसी ने एक्स पर ईवीएम की तस्वीरें साझा कीं और दावा किया कि ऐसी पांच EVM हैं जिनपर बीजेपी के नाम का टैग है. पार्टी ने भारत के चुनाव आयोग (ECI) का रुख किया है.

इसके कुछ समय बाद, पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि ईवीएम के कमीशनिंग के दौरान, उपस्थित उम्मीदवारों और उनके एजेंटों द्वारा कॉमन एड्रेस टैग पर हस्ताक्षर किए गए थे.

उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि चूंकि ईवीएम और वीवीपैट की कमीशनिंग के दौरान केवल बीजेपी उम्मीदवार के प्रतिनिधि ही मौजूद थे, इसलिए उस समय उनके हस्ताक्षर लिए गए थे.

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कुछ इलाकों से हिंसा की छिटपुट घटनाएं सामने आईं

अधिकारियों ने कहा, "पश्चिम बंगाल के 8 लोकसभा क्षेत्रों के कुछ इलाकों से हिंसा की छिटपुट घटनाएं सामने आई हैं, जहां 25 मई को छठे चरण के लिए मतदान हो रहा है."

उन्होंने कहा, "भारत के चुनाव आयोग (ईसी) को सुबह 11 बजे तक कई राजनीतिक दलों से 954 शिकायतें मिली हैं, जिनमें ईवीएम में खराबी और एजेंटों को बूथ में प्रवेश करने से रोकने का आरोप लगाया गया है. हालांकि, पोल पैनल ने दावा किया कि मतदान अब तक शांतिपूर्ण रहा है."

पोलिंग एजेंटों को बूथ में प्रवेश करने से रोकने को लेकर घाटल निर्वाचन क्षेत्र में टीएमसी और बीजेपी के समर्थकों के बीच कथित तौर पर झड़पें हुईं हैं. बीजेपी उम्मीदवार हिरन चटर्जी ने कहा, “टीएमसी के गुंडे उत्पात मचा रहे हैं और मतदान प्रक्रिया में बाधाएं पैदा कर रहे हैं. हमारे बूथ एजेंटों को बूथ के अंदर बैठने की अनुमति नहीं है. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सड़क पर विरोध प्रदर्शन भी किया और इलाके में टायरों में आग लगा दी. हालांकि, मौजूदा टीएमसी सांसद देव ने आरोपों को खारिज कर दिया.

कांथी निर्वाचन क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से हिंसा की छिटपुट घटनाएं भी सामने आईं। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय बलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और उन पर मतदाताओं पर हमला करने का आरोप लगाया.

मिदनापुर निर्वाचन क्षेत्र में, बीजेपी उम्मीदवार अग्निमित्रा पॉल को टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा "वापस जाओ" नारे का सामना करते देखा गया. इसके बाद बीजेपी और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए केंद्रीय बल मौके पर पहुंचे.

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