लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कांग्रेस के निलंबित सात सांसदों का निलंबन 11 मार्च को वापस ले लिया है. दिल्ली हिंसा पर संसद में चर्चा की मांग को लेकर हुए हंगामे के बाद कांग्रेस के सात सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था. इस मुद्दे को देखने के लिए गठित एक उपसमिति के सदस्यों के साथ लोकसभा अध्यक्ष की बैठक के बाद निलंबन वापस लेने का निर्णय लिया गया है.
पिछले हफ्ते कांग्रेस सांसदों द्वारा काफी तीखा व्यवहार देखने को मिला था. संसद की कार्यवाही के दौरान अध्यक्ष की बातें भी नहीं सुनी जा रही थीं, जिसके बाद सांसदों को निलंबित कर दिया गया था. इसके एक दिन बाद ही उपसमिति का गठन कर दिया गया था.
यह निलंबन बाकी बचे पूरे बजट सत्र के लिए रहना था, जो तीन अप्रैल को समाप्त हो रहा है.
जिन कांग्रेस सदस्यों को निलंबित किया गया था, उनमें टी.एन. प्रतापन, दीन कुरिकोष, गौरव गोगोई, उन्नीथन, गुरप्रीत सिंह औजला, बेनी बेहनन और मणिकम टैगोर शामिल हैं.
इन सांसदों को तब निलंबित किया गया, जब उन्होंने एक विधेयक की प्रति छीन ली, कागजात फाड़ दिए और उन्हें राम देवी की ओर फेंका, जो उस समय अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान थीं.
संसद की कार्यवाही छह मार्च को स्थगित होने के बाद 11 मार्च को फिर से शुरू हुई.
दो मार्च को फिर से शुरू हुए बजट सत्र में हंगामे के कारण कामकाज नहीं हो पा रहा है. क्योंकि कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियां दिल्ली में हुई हिंसा पर गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग करते हुए नारेबाजी कर रहे हैं और कार्यवाही बाधित कर रही हैं.
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