प्राइवेट सेक्टर के Yes बैंक के संकट में पड़ने से सदियों पुराने भगवान जगन्नाथ मंदिर के पुजारी और श्रद्धालु चिंतित हैं. Yes बैंक में भगवान जगन्नाथ मंदिर के 545 करोड़ रुपये जमा हैं.
बैंक पर लगी है पाबंदी
रिजर्व बैंक ने Yes बैंक पर कई तरह के पाबंदी लगा है. Yes बैंक के जमाकर्ताओं के लिए अगले एक माह तक निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय की गई है. Yes बैंक का जहां नई पूंजी जुटाने का प्रयास विफल रहा, वहीं बैंक से नियमित आधार पर पूंजी निकल रही थी, जिससे उसका संकट गहरा गया. पुरी के इस मंदिर के दैतापति (सेवक) विनायक दासमहापात्रा ने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा Yes बैंक पर रोक से सेवक और भक्त आशंकित हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘हम उन लोगों के खिलाफ जांच की मांग करते हैं जिन्होंने थोड़े ज्यादा ब्याज के लालच में निजी क्षेत्र के बैंक में इतनी बड़ी राशि जमा कराई है.’’
'प्रबंधन समिति जिम्मेदार है'
जगन्नाथ सेना के संयोजक प्रियदर्शी पटनायक ने कहा, ‘‘भगवान के धन को निजी क्षेत्र के बैंक में जमा कराना न केवल गैर- कानूनी है बल्कि यह अनैतिक भी है. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) और मंदिर की प्रबंधन समिति इसके लिए जिम्मेदार है.’’
उन्होंने बताया कि निजी बैंक में पैसा जमा कराने के मामले में पुरी के पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की गई थी लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
इन आशंकाओं को खारिज करते हुए विधि मंत्री प्रताप जेना ने कहा कि यह पैसा बैंक में मियादी जमा (एफडी) के रूप में रखा गया है बचत खातों में नहीं.
उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही एफडी की परिपक्वता अवधि इस महीने समाप्त होने के बाद इस कोष को येस बैंक से किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में स्थानांतरित करने का फैसला किया है.
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