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लखनऊ में हजारों किसानों की महापंचायत, राकेश टिकैत की हुंकार- MSP सहित रखी ये मांग

Rakesh Tikait ने कहा-"सरकार आमने-सामने बैठकर बात नहीं करती, जो लिखित में देती है, उस पर काम नहीं करती."

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भारत
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में सोमवार, 18 सितंबर को किसानों की महापंचायत हुई. शहर के इको गार्डन में हो रही इस पंचायत ने सूबे की राजनीति में सरगर्मी बढ़ाई. इसमें शामिल होने के लिए हजारों किसानों के साथ-साथ किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) पहुंचे. यहां उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हजारों की संख्या में प्रदेश भर के किसान अपनी मांगों के साथ प्रदर्शन करेंगे. MSP, बिजली के बिलों को माफ करना और आवारा पशुओं से फसल की बर्बादी होने को लेकर किसानों ने प्रदर्शन शुरू किया है.

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किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए भारतीय किसान यूनियन के हजारों किसान बसों, ट्रेनों और अपनी गाड़ियों से यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान जैसे राज्यों से पहुंचे.

'लोकतंत्र में भीड़तंत्र ही एक साधन'

प्रदर्शन को लेकर अभी किसी भी तरह की समय-सीमा नहीं निर्धारित की गई है. राकेश टिकैट का कहना है कि यह प्रदर्शन एक दिन का है, जो भी अधिकारी आएगा हम उसको ज्ञापन सौंपकर वापस चले जाएंगे और हम उनसे निवेदन करेंगे कि हमारी मांगों को सुना जाए.

इसके अलावा उन्होंने आगे बयान देते हुए कहा कि

सरकार ने कहा था कि हम बिजली फ्री देंगे. क्या घोषणा पत्र झूठा था या जनता बेवकूफ थी? आपने बहकाने का काम किया है.
Rakesh Tikait ने कहा-"सरकार आमने-सामने बैठकर बात नहीं करती, जो लिखित में देती है, उस पर काम नहीं करती."

किसान महापंचायत में पहुंचे राकेश टिकैत

(फोटो- पीटीआई)

राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार आमने-सामने बैठकर बात नहीं करती, जो लिखित में देती है, उस पर काम नहीं करती. तो लोकतंत्र में भीड़तंत्र ही एक साधन है.

"हमने ये कहा है कि एमएसपी गारंटी कानून देश में बनना चाहिए. ये हमारी और पूरे देश की बड़ी मांग है. वैचारिक क्रांति देश में होगी, सब विचार से जुड़े हुए हैं."

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किसान नेताओं का सरकार पर आरोप

किसान नेताओं का आरोप है कि MSP गारंटी कानून को लेकर ढुलमुल नीति अपनाई जा रही है जबकि 2011 में जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उनकी अध्यक्षता में गठित कमेटी ने तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार को रिपोर्ट सौंप कर MSP गारंटी लागू करने की मांग की थी.

बता दें कि यह पहली बार नहीं है, जब लखनऊ में किसान अपनी मांगों को लेकर इकट्ठा हुए हैं. 22 नवंबर, 2021 में लखनऊ में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से किसान महापंचायत बुलाई गई थी. उस वक्त MSP की गारंटी देने वाले कानून की मांग जोर-शोर से उठी थी.

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