भिखारियों के जीवन को सुधारने और बेहतर बनाने के लिए लखनऊ नगर निगम ने नई पहल शुरू की है. लखनऊ नगर निगम ने एजुकेशन क्वालिफिकेशन के आधार पर भिखारियों को नौकरी देने का फैसला किया है.
लखनऊ नगर निगम के कमिश्नर इंद्र मणि त्रिपाठी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, "शैक्षिक योग्यता के आधार पर भिखारियों को रोजगार दिया जाएगा. साथ ही हम गली के बच्चों के पुनर्वास की भी कोशिशि करेंगे."
शारीरिक रूप से विकलांग भिखारियों को शेल्टर होम्स में रखा जाएगा और पूरी तरह से सक्षम लोगों को नौकरियों पर रखा जाएगा.इंद्र मणि त्रिपाठी, कमिश्नर, लखनऊ नगर निगम
फिलहाल, सिविक बॉडी ने शहर में बेघर लोगों पर एक सर्वे किया है. दो-तीन दिनों में इसकी रिपोर्ट सौंप दी जाएगी.
इससे पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एलएमसी को निर्देश दिया था कि राज्य की राजधानी में भिखारियों की पहचान की जाए और उन्हें शेल्टर होम्स भेजा जाए.
‘भिखारियों’ से क्या काम कराया जाएगा
नगर निगम कार्यकर्ता नवीन साहू ने कहा, "हम भिखारियों की जानकारी इकट्ठी कर रहे हैं. कुछ लोग आगे आए हैं और स्वेच्छा से खुद का नाम दर्ज कराया है. इन सबकी एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी और आगे की कार्रवाई के लिए टॉप अफसरों को भेजी जाएगी."
नगर निगम कमिश्नर ने बताया, भिखारियों को शहर में घर-घर से कूड़ा उठाने का काम दिया जाएगा. वो उन घरों से रुपये भी कलेक्ट करेंगे. इसके अलावा कुछ भिखारियों से साफ सफाई का काम भी कराया जाएगा.
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