लुधियाना जिला अदालत के अंदर हुए विस्फोट (Ludhiana district court blast) में मारे गए व्यक्ति की पहचान पूर्व पुलिस अधिकारी गगनदीप सिंह के रूप में हुई है. गगनदीप सिंह को 2019 में सस्पेंड कर दिया गया और उसने दो साल जेल में बिताए. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से हिंदुस्तान टाइम्स ने रिपोर्ट प्रकाशित की है कि गगनदीप सिंह के ड्रग नेटवर्क से लिंक थे.
मालूम हो कि गुरुवार, 23 दिसंबर को जिला अदालत परिसर की दूसरी मंजिल पर शौचालय के पास बम विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि छह अन्य घायल हो गए.
शुरुआती रिपोर्टों के मुताबिक, पुलिस को संदेह है कि विस्फोट में मारे गए व्यक्ति का इससे कोई लेना-देना है. पंजाब पुलिस ने पहले कहा था कि या तो वह विस्फोटक ले जा रहा था या इकट्ठा करने की कोशिश कर रहा था.
घटना के बाद सभी राजनीतिक नेता लुधियाना पहुंच गए जबकि विस्फोट ने विधानसभा चुनाव से एकदम पहले राज्य सरकार के सामने एक गंभीर सुरक्षा चुनौती पेश कर दी.
राज्य सरकार ने जांच में केंद्र की मांगी थी मदद
विस्फोट के बाद केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने शुक्रवार, 24 दिसंबर को देश में सुरक्षा स्थिति पर एक उच्च स्तरीय बैठक की. गृह मंत्रालय में करीब एक घंटे तक चली बैठक में इंटेलिजेंस ब्यूरो के डायरेक्टर अरविंद कुमार, सीआरपीएफ और एनआईए के प्रमुख कुलदीप सिंह और बीएसएफ के महानिदेशक पंकज सिंह मौजूद थे.
केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी शुक्रवार, 24 दिसंबर को लुधियाना जिला अदालत का दौरा किया और कहा कि उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य लुधियाना के साथ-साथ पंजाब के लोगों को आश्वस्त करना था कि राज्य सरकार के साथ मिलकर इस घटना की पूरी जांच की जाएगी. राज्य की चन्नी सरकार ने भी मामले की जांच में केंद्र सरकार की मदद मांगी है.
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