मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी संकट के बीच 13 मार्च की सुबह मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर ली है. राज्यपाल से मुलाकात में कमलनाथ ने राज्यपाल से निवेदन किया कि ‘कांग्रेस के जिन विधायकों को कैद किया गया है उनको कैद से छुड़ाया जाए और वापस लाया जाए’. वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि 16 मार्च से जो विधानसभा सत्र शुरू होना है सीएम कमलनाथ इसे टलवाने की कोशिश कर रहे हैं. कोरोनावायरस को लेकर पूछे गए सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि ‘यहां राजनीति में कोरोनावायरस हो गया है.’
मैं आज राज्यपाल से मिला हूं. सबसे पहले हमने उन्हें होली की शुभकामनाएं दी हैं. मैंने उनका ध्यान आकर्षित किया है कि कैसे कांग्रेस के विधायकों को कैद किया गया है. पूरे देश ने इस घटना को देखा है. मैंने उनसे निवेदन किया है कि उन विधायकों को कैद से छुड़ाया जाए और वापस लाया जाए. राज्यपाल के भाषण पर फ्लोर टेस्ट होगा, लेकिन ये तभी संभव है जब विधायक स्वतंत्र हों. 22 विधायकों को मीडिया के सामने ले आएं.कमलनाथ, मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश
कमलनाथ जब राज्यपाल से मिलने के बाद बाहर आए तो एक रिपोर्टर ने सवाल पूछा कि क्या कोरोनावायरस के चलते विधानसभा सत्र को टाला जाएगा. इस पर कमलनाथ ने कहा कि ‘यहां राजनीति में कोरोनावायरस हो गया है.’
राज्यपाल को दिए पत्र में कमलनाथ ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप लगाया है.
अब तक छुट्टी पर थे राज्यपाल
राज्यपाल 8 मार्च को होली की छुट्टी पर लखनउ गए थे. राज्य में तेजी से बदल रहे घटनाक्रम के बीच राज्यपाल के बीच में छुट्टी रद्द कर लौटने का अनुमान लगाया जा रहा था, मगर ऐसा नहीं हुआ. एक अधिकारी ने ही बताया है कि 12 मार्च को भारत राज्यपाल वापस लौट आए हैं.
राज्य सरकार के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसौदिया के अलावा विधायक हरदीप सिंह डंग, जसपाल सिंह जज्जी, राजवर्धन सिंह, ओपीएस भदौरिया, मुन्ना लाल गोयल, रघुराज सिंह कंसाना, कमलेश जाटव, बृजेंद्र सिंह यादव, सुरेश धाकड़, गिरराज दंडौतिया, रक्षा संतराम सिरौनिया, रणवीर जाटव, जसवंत जाटव ने अपने इस्तीफे राज्यपाल को भेज दिए हैं.
विधानसभा का गणित
मध्यप्रदेश में कुल विधायकों की कुल संख्या 230 है. फिलहाल दो विधानसभा सीटें खाली हैं. मतलब अभी कुल सीटें हैं 228. यानी राज्य में किसी सरकार को बहुमत के लिए चाहिए 115 सीटें. कांग्रेस पहले से 121 विधायकों के सरकार के समर्थन का दावा करती रही है. लेकिन अब 20 से ज्यादा विधायकों ने राज्यपाल को इस्तीफा दे दिया है. ऐसे में अगर इन विधायकों का इस्तीफा स्वीकार होता है तो कमलनाथ की सरकार गिरना तय है.
कांग्रेस का दावा, सरकार को खतरा नहीं
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में दावा किया गया है कि कमलनाथ सरकार विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेगी. कांग्रेस के एक मंत्री ने मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित इस बैठक में शामिल होने के बाद कहा कि इस बैठक में सरकार को समर्थन देने वाले चार निर्दलीय विधायक भी शामिल हुए थे, इससे कांग्रेस को थोड़ा और बल मिला है.
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