मध्य प्रदेश सरकार के आदेश के बाद भी एक लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों की सैलरी दिवाली से पहले उनके अकाउंट में नहीं आ सकी है. दरअसल, कमलनाथ सरकार ने त्योहारों को देखते हुए अक्टूबर की सैलरी पहले ही देने का आदेश दिया था. लेकिन बताया जा रहा है कि जिस आईएमएफएस सर्वर (इंटीग्रेडेट फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम) के जरिए अलग-अलग विभाग में बिल जनरेट होते हैं, वह शुक्रवार दिनभर धीमा रहा. जिस वजह से सैलरी ट्रांसफर नहीं हो सकी.
सर्वर डाउन होने की वजह से राज्य मंत्रालय में भी सिर्फ 50 फीसदी कर्मचारियों को ही सैलरी मिल सकी है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार शाम को जब सर्वर ने काम करना शुरू किया तो कुछ विभागों में ही बिल जनरेट हो सका. फिलहाल शनिवार को करीब एक लाख कर्मचारियों की सैलरी आने की उम्मीद जताई जा रही है.
बता दें कि कर्मचारी संगठनों ने अक्टूबर की सैलरी नवंबर के बजाय धनतेरस तक देने की मांग की थी. जिसे देखते हुए सरकार ने 25 अक्टूबर को सैलरी देने को लेकर नोटिस जारी किया था.
बीजेपी ने सैलरी वक्त पर ना आने पर कमलनाथ सरकार को घेरा
सरकारी कर्मचारियों को सैलरी और डीए समय पर नहीं मिलने पर मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष राकेश सिंह ने कमलनाथ सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, “हमने केंद्र सरकार की तरह ही प्रदेश के कर्मचारियों को डीए देने की मांग की थी. डीए तो दूर इस बार कई विभागों में कर्मचारियों को कई महीनों से वेतन ही नहीं मिला है.कर्मचारियों की दिवाली फीकी होने जा रही है. उन्होंने कहा मध्यप्रदेश में इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ कि कर्मचारियों को दीपावली से पहले वेतन और डीए न मिला हो."
फिलहाल मध्यप्रदेश सरकार ने वेतन समय पर देने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी है. बताया जा रहा है कि सैलरी भुगतान के लिए कम समय होने के कारण सर्वर की गति धीमी हुई है.
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