कोरोना वायरस के संकट के बीच मध्य प्रदेश के गुना जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीरें आई हैं. राजगढ़ से लौटे मजदूर के परिवार को स्थानीय प्रशासन ने शौचालय में क्वॉरंटीन कर दिया. बताया जा रहा है कि टोडर ग्राम पंचायत के स्कूल में जगह नहीं मिल सकी इसलिए परिवार को शौचालय में ही क्वॉरंटीन रहना पड़ा.
मजदूर अपने परिवार के साथ शौचालय में ही रहने को मजबूर रहा. स्थानीय गांव के सरपंच और सचिव ने स्कूल खोलने की जहमत नहीं उठाई.
प्रवासी मजदूर भैयालाल का कहना है कि-
मैं इस गांव में 1 अप्रैल को आया. स्कूल में ताला लगा था तो मुझे शौचालय में रहना पड़ा. खाना भी वहीं खाना पड़ा. मेरा अभी तक सामान वहीं रखा है.भैयालाल, प्रवासी मजदूर
प्रशासन की सफाई
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि भैयालाल सहरिया नाम का प्रवासी मजदूर अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रात जामनेर के पास के गाँव देवीपुरा में आया था. यह उसी गाँव का निवासी है. गांव में रात में किसी ने आने नही दिया तो वह गाँव के प्राथमिक स्कूल परिसर में चला गया. फिर सुबह आंगनवाड़ी कार्यकर्ता उससे मिली और 104 पर फोन लगाया लेकिन उसने पंचायत सचिव ,पटवारी या अन्य किसी को सूचित नहीं किया.
बाद में स्कूल में कराई गई रहने की व्यवस्था
राघोगढ़ के तहसीलदार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच करने पहुंची तब उसी टीम ने पुलिस को सूचित किया. पुलिस की टीम एवं पंचायत सचिव मौके पर पहुंचे और स्कूल का कमरा खुलवाया और खाने का सामान उपलब्ध कराया. लेकिन तब भैयालाल ज्यादा शराब पिया हुआ था कमरे से निकलकर बाथरूम में जाकर बैठ गया पुलिस ने और उसकी पत्नी ने उसे समझाया लेकिन नशा ज्यादा होने के कारण वह वहीं बैठ गया.
कांग्रेस नेताओं ने ट्विटर पर उठाए सवाल
कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने मजदूरों के शौचालय में रहने के फोटो ट्वीट करते हुए लिखा-
शिवराज जी बेहद शर्मनाक. प्रशासन के द्वारा ऐसा अमानवीय व्यवहार हम कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे. घर आए मज़दूरों को इस प्रकार क्वॉरंटीन करने के लिए कौन जिम्मेदार है? आपसे अनुरोध है कि जल्द से जल्द दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की जाए.जयवर्धन सिंह, कांग्रेस नेता
बताया जा रहा है कि अब भाईयलाल की व्यवस्था स्कूल में ही कर दी गयी है. वह राजगढ़ से आया हुआ है जब उसके परिबार उसे अपने पास रखना चाहेगे उसे उसके घर भेज दिया जाएगा.
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