मध्य प्रदेश के मुरैना में किसानों को खाद की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. खाद के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है और पुलिस के डंडे खाने पड़ रहे हैं. नौबत यह आ गई है कि खाद नहीं मिलने से परेशान होकर किसान खाद लूटने पर मजबूर हो गए हैं जिसकी वजह से उनको लाठियां खानी पड़ रही हैं.
विपक्ष सरकार पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहा और सरकार के कृषि मंत्री कह रहे हैं कि खाद की कमी नहीं है. यह नजारा केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की लोकसभा मुरैना के कोलारस का है.
किसानों का कहना है कि खाद की किल्लत की वजह से उन्हें कई कई दिन तक लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ रह है. पुलिस किसानों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग भी कर रही है जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.
वीडियो में किसान खाद बिक्री केंद्र के बाहर लाइन लगाए हुए हैं इस दौरान अव्यवस्था होती है और पुलिस व्यवस्था बनाने के लिए लाठीचार्ज करती हुई दिखाई दे रही है. दूसरी तरफ किसान खाद की बोरियां उठाकर ले जाते हुए दिख रहे हैं और पुलिस उनको दौड़ा-दौड़ा कर उनपर लाठियां भांज रही है.
सरसों की बोवनी के लिए किसानों के खेत जुते पड़े हैं अगर खाद नहीं मिली तो उनकी नमी निकल जाएगी. खाद बांटने के लिए एक ही काउंटर से पर्ची दी जा रही है जिसकी वजह से सैकड़ों लोगों की लाइन लग रही है.गयाराम धाकड़, किसान
उधर किसान अशोक तिवारी का कहना है कि खाद का बहुत बड़ा संकट है हजारों किसान सड़क पर घूम रहे हैं महिलाएं भी सड़क पर घूम रही हैं. सरकार खाद की व्यवस्था नहीं कर पा रही है. तत्काल खाद की व्यवस्था की जाए वितरण केंद्र बढ़ाए जाएं जिससे किसान रबी की फसल में सरसों और बाद में गेहूं की बुवाई कर सकें.
मुरैना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा-
"शिवराज जी , मध्यप्रदेश का मूरैना जो कि केंद्रीय कृषि मंत्री का क्षेत्र है, वहां किसान खाद के लिये घंटो लाइन में लगे है, आपकी पुलिस उन पर लट्ठ बरसा रही है, बेचारा किसान पिट रहा है और आप कह रहे है कि प्रदेश में खाद का कोई संकट नहीं है. क्या यह क्षेत्र मध्यप्रदेश में नहीं है या फिर लाइन में लगे हुए यह लोग किसान नहीं है…?"
साथ ही राज्य के कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि "सीएम शिवराज और उनके मंत्री सिर्फ पेसों के मामलों में ही नजर रखते हैं आम जनता और किसानों की योजनाओं को उपेक्षित करते हैं मध्यप्रदेश में खाद डीएपी की भारी मांग चल रही है और हमारे कृषि मंत्री केट वाक कर रहे हैं".
इस घटना के बाद मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि "प्रदेश में कहीं भी यूरिया का संकट नहीं है. सरकार को बदनाम करने के लिए कांग्रेस यह संकट बढ़ा रही है. मध्य प्रदेश में खाद वितरण की व्यवस्था का विकेंद्रीकरण किया जा रहा है इससे डिफॉल्टर हुई सहकारी संस्थाओं के माध्यम से भी डीएपी, यूरिया खाद का वितरण होगा. प्रदेश में खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है.
मुरैना में खाद के संकट को लेकर लगाए गए कांग्रेस के आरोप पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि "सरकार को बदनाम करने के लिए कृतिम संकट बनाया जा रहा है, जरूरत से ज्यादा खाद की खरीद करवाई जा रही है, उन्होंने कहा कि मुरैना में 5 हजार टन खाद उपलब्ध थी जिसका डबल लॉक सिस्टम से वितरण हो रहा था यहां कांग्रेस की डिफॉल्टर समितियों ने आकर व्यवस्था बिगाड़ने का काम किया".
कमल पटेल का कहना है कि प्रदेश में पर्याप्त खाद का भंडार है, किसानों के लिए कोई कमी नहीं आने दी जाएगी, प्रदेश में 80 प्रतिशत यूरिया सोसाइटी के माध्यम से दिया जा रहा है, प्रदेश में यूरिया वितरण का विकेंद्रीकरण करके डिफॉल्टर संस्थाओं के माध्यम से भी खाद का वितरण होगा जिससे कहीं भी किसान परेशान न हों.
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