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MP: मुस्लिम समझकर पुलिस ने वकील को पीटा-नहीं हुई कार्रवाई,अब NHRC का नोटिस

दीपक बुंदेले ने कहा कि मैंने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को भी दो बार इस मामले को लेकर पत्र लिखा है.

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साल 2020 में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के एडवोकेट दीपक बुंदेले (Deepak Bundele) को पुलिस ने उनकी दाढ़ी की वजह से मुस्लिम समझकर पीट दिया था. बुंदेले एक दशक से भी ज्यादा समय से डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीज हैं. उन्हें इस दौरान कई चोटें आई थीं और उनके कानों से कई दिन खून आया. इसके बाद उन्होंने बैतुल के एसपी के समक्ष शिकायत दर्ज की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पहुंच चुका है. NHRC ने इस केस में बैतुल के एसपी के नाम नोटिस जारी किया है.

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NHRC ने SP के नाम जारी किया नोटिस

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मामले पर सुनवाई करते हुए बेतुल के एसपी को नोटिस जारी करते हुए 30/5/22 को कमीशन के समाने खुद पेश होने को कहा है. 23 मार्च, 2020 में बेतुल पुलिस ने बुंदले को मुस्लिम समझ कर पीटा था.

दीपक बुंदेले ने कहा कि मैंने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को भी दो बार इस मामले को लेकर पत्र लिखा है.

बैतुल एसपी के नाम राष्ट्रीय मानवाधिकार का नोटिस

(फोटो- क्विंट हिंदी)

क्या है पूरा मामला?

एडवोकेट दीपक बुंदेले को दो साल पहले 23 मार्च, 2020 को बेतुल पुलिस ने मुस्लिम समझकर पीट दिया था. उन्हें जब पीटा गया था तो उस वक्त वो इलाज के लिए हॉस्पिटल जा रहे थे. वकील बुंदेले ने इस घटना के बाद पुलिसवालों के खिलाफ FIR दर्ज कराने की कोशिश की.

पुलिसवालों के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने पर दीपक निराश होकर हाईकोर्ट गए, जिसके बाद पुलिस ने बुंदेले के खिलाफ सेक्शन 188 (पब्लिक सर्वेंट के आदेश की अवज्ञा करना), 353 (पब्लिक सर्वेंट को ड्यूटी करने से रोकने के लिए हमला या आपराधिक ताकत) और 294 (सार्वजानिक जगहों पर अश्लील हरकत या गाने के लिए सजा) के तहत केस दर्ज कर लिया. इस मामलें में दीपक बुंदेले को सेशन कोर्ट बैतूल से अग्रिम जमानत मिल गई.

द क्विंट से बात करते हुए दीपक बुंदेले ने कहा कि मैंने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को भी दो बार इस मामले को लेकर पत्र लिख चुका हूं.

एमपी मानवाधिकार आयोग भी गए बुंदेले

दीपक बुंदेले ने क्विंट से बात करते हुए बताया कि-''मैंने मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग में शिकायत की लेकिन आयोग ने तुरंत कार्रवाई नहीं की. बाद में जब मीडिया में खबरें आने लगीं तो आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया.

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मेरा पक्ष सुने बगैर केस को खत्म कर दिया और आजतक इसके बारे में मुझे कोई सूचना नहीं दी गई. मुझे इस केस का वर्तमान स्टेटस भी नहीं पता कि मामले में अब तक आयोग ने क्या कार्रवाई की है.
दीपक बुंदेले, एडवोकेट

उल्लेखनीय है कि इसके बाद इंडियन ह्यूमन राइट्स डिफेंडर नाम की संस्था इस केस को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पास ले गई और अब NHRC ने एसपी के नाम नोटिस जारी की है.

'कोई नोटिस नहीं आया'

जब द क्विंट ने इस मामले पर बैतुल जिले की एसपी सिमाला प्रसाद से बात की तो उन्होंने कहा कि हमारे पास इस केस से संबंधित ऐसा कोई भी नोटिस नहीं आया है.

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‘बीजेपी सरकार आने के बाद बढ़ी हैं घटनाएं’

द क्विंट से बात करते हुए एडवोकेट दीपक बुंदेले ने कहा कि एक आम आदमी को न्याय पाने के लिए लंबा वक्त लग जाता है, जब पुलिस ही घोर सांप्रदायिक हो गई हो और मुसलमानों व अन्य अल्पसंख्यकों को टारगेट कर रही हो. उन्होंने कहा कि हमें पिछले दिनों कई ऐसे वीडियोज सोशल मीडिया के माध्यम से मिले हैं, जहां साफ तौर पर देखा जा सकता है कि किस तरह से मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार आने के बाद अल्पसंख्यकों पर लगातार अत्याचार हो रहा है.

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