मध्य प्रदेश में SC-ST एक्ट में संशोधन के खिलाफ 35 संगठनों ने गुरुवार को 'भारत बंद' बुलाया है. इसको ध्यान में रखते हुए पुलिस ने सतना, भिंड, शिवपुरी, ग्वालियर और दूसरे जिलों में धारा-144 लागू कर दी गई है. कुछ जिलों में इंटरनेट बंद करने का फैसला लिया गया है. साथ ही पुलिसकर्मियों से कहा गया है कि वो प्रदर्शन करने वाले संगठनों से संपर्क करें.
क्यों गुस्से में हैं सवर्ण?
पिछले महीने लोकसभा में SC-ST एक्ट संशोधन विधेयक पारित कराया गया. इस संशोधन से सुप्रीम कोर्ट का वो आदेश पलट गया, जिसके तहत एससी/एसटी के खिलाफ मामले में आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई थी. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को जारी एक आदेश में इस एक्ट के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए तत्काल गिरफ्तारी और आपराधिक मामला दर्ज करने पर रोक लगा दी थी.
सरकार ने अध्यादेश लाकर इसी फैसले को पलट दिया गया, जिससे कुछ सवर्ण जातियों के संगठन नाराज हैं. मध्य प्रदेश में जगह-जगह इस एक्ट में संशोधन के खिलाफ रैलियां भी निकाली जा रही हैं. बीजेपी के कई सांसदों, विधायकों और नेताओं को भी लोगों का गुस्सा सहना पड़ रहा है.
दलित सगंठन कर चुके हैं 'भारत बंद'
इससे पहले पहले सुप्रीम कोर्ट ने SC-ST एक्ट पर फैसला सुनाया गया था. दलित संगठनों ने इसका पुरजोर विरोध किया था. दलित संगठनों ने 'भारत बंद' बुलाया, इसका असर कई राज्यों में देखने को मिला था. प्रदर्शन के दौरान ही कई लोगों की मौत हो गई थी.
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