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महाराष्ट्र: औरंगाबाद में फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा, लोन के नाम पर हो रही थी ठगी

देहरादून से जांच टीम दिल्ली, मुंबई और फिर औरंगाबाद पहुंची थी.

Published
भारत
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महाराष्ट्र (Maharashtra) के औरंगाबाद में फर्जी कॉल सेंटर के जरिए लोगों को निशाना बनाया जा रहा था, जिसका पुलिस ने खुलासा किया. इस फर्जी कॉल सेंटर से लोगों को लोन और ईएमआई का भुगतान करने के लिए लोगों को धमकाया जा रहा था. औरंगाबाद और देहरादून पुलिस ने मिलकर इसका पर्दाफाश किया है.

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यह फर्जी कॉल सेंटर शोएब कुरैशी पैठण गेट इलाके में कॉल सेंटर चला रहा था, जिसमें करीब 150 युवतियां काम कर रही थीं, जिन्हें पंद्रह हजार रुपये तक वेतन दिया जा रहा था.

देहरादून से जांच टीम पुलिस के जरिए दिल्ली, मुंबई और फिर औरंगाबाद पहुंची थी. पुलिस द्वारा 12 घंटे की तलाश के बाद अब कॉल सेंटर को सील कर दिया गया है.

देहरादून पुलिस की मदद से छापेमारी कर बड़ी संख्या में सिम कार्ड वाले मोबाइल और दो तलवारें भी बरामद की गयी. कार्रवाई दोपहर 12 बजे शुरू हुई और करीब 1 बजे तक चली. इसमें पुलिस को कॉल सेंटर से इंस्टैंट लोन ऐप के जरिए लोन लेने वालों को ब्लैकमेल करने के सबूत मिले हैं.

देहरादून में ब्लैकमेलिंग की कई शिकायतें

पुलिस ने बताया कि देहरादून में ब्लैकमेलिंग की करीब 250 शिकायतें हैं. सूत्रों ने बताया है कि इस कार्रवाई में अब तक असली मालिक का पता नहीं चल पाया है. अय्यूब नाम का युवक कॉल सेंटर में काम करता था. बाद में उन्होंने ऑपरेटर कंपनियों के लिए अपना कर्ज वसूली कॉल सेंटर शुरू किया.

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उप-अधीक्षक समेत छह लोगों की टीम बुधवार को शहर में दाखिल हुई. पुलिस उपायुक्त से मदद की गुहार लगाने के बाद साइबर सेल, क्राइम ब्रांच का दस्ता और क्रांति चौक पुलिस पैठण गेट इलाके में दाखिल हुई. ये कॉल सेंटर वहां यश इंटरप्राइजेज के नाम से शुरू किया गया था.

सायबर पुलिस निरीक्षक प्रवीण यादव ने कहा कि,

आजकल ज्यादातर काम मोबाइल पर ही हो जाता है. इसे फिलहाल एक क्लिक पर इंस्टेंट लोन भी मिल रहा है हालांकि साइबर सेल को बड़ी संख्या में शिकायतें मिल रही हैं कि इस कर्ज के जरिए मनमानी वसूली की जा रही है. जहां देश भर में कई लोग ठगे जा रहे हैं, वहीं खुलासा हुआ है कि इसका केंद्र औरंगाबाद में है. शहर की पुलिस ने नहीं बल्कि देहरादून पुलिस ने कॉल सेंटर पर छापा मारा.

आधिकारिक कॉल सेंटर के नाम पर फर्जीवाड़ा

पैठण गेट पर संचालित यश इंटरप्राइजेज दस्तावेजों के जरिए वोडाफोन, आईडीबीआई और भारत पे का आधिकारिक कॉल सेंटर चल रहा था. देहरादून पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक उनके साथ जो फरियादी थे उन्हें 33 सिम कार्ड के जरिए बुलाया गया था. इसी कॉल सेंटर के पैठण गेट पर उसकी लोकेशन मिली. इनमें से 23 सिम कार्ड इसी जगह मिले, इस हिसाब से पुलिस ने 134 साधारण मोबाइल, 10 एंड्राएड मोबाइल, एक लैपटॉप, तेरह से चौदह सौ सिम कार्ड जब्त किए हैं.

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साइबर सेल पुलिस इंस्पेक्टर प्रवीन यादव ने बताया कि इस मामले में पूछताछ की जा रही है और सरकारी कॉल सेंटर वाली कंपनियों से पत्राचार कर और जानकारी हासिल की जा रही है.

दो साल से चल रहा था कॉल सेंटर

शहर के बीचो-बीच यह कॉल सेंटर पिछले दो साल से धड़ल्ले से चल रहा था. इसी जगह लोन लेने वाले लोगों को फोन कर वसूली के लिए रोज ब्याज वसूलना, वसूली की धमकी दी जा रही थी. कंपनी के लोगों ने भुगतान न करने वालों को गालियां देने, उन्हें धमकाने, सोशल मीडिया पर उनके खातों को अपने नियंत्रण में लेने के लिए बदनाम करने, अपने दोस्तों के नंबरों का उपयोग करके कर्जदारों को अश्लील फोटो संदेश भेजने की हद तक चले गए.

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