आरक्षण की मांग को लेकर मराठा समुदाय के संगठनों ने गुरुवार को एक बार फिर महाराष्ट्र में बंद बुलाया है. नवी मुंबई को छोड़कर पूरे महाराष्ट्र में बंद का आह्वान किया गया है ताकि आरक्षण के लिए समुदाय की मांग पर दबाव बनाया जा सके. अधिकारियों ने हिंसा की आशंका को देखते हुए कुछ इलाकों में स्कूलों और कॉलेजों को बंद रखने का आदेश दे दिया है. मुंबई पुलिस का कहना है कि बंद को देखते हुए पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है.
सीएम फडणवीस ने भरोसा दिया है
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भरोसा दिया था कि सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में मराठा लोगों को आरक्षण मुहैया कराने के लिए उनकी सरकार काम कर रही है जो कानूनन ठीक हो. उनके भरोसे के बावजूद बंद बुलाया जा रहा है. आरक्षण के बारे में कदम उठाने के लिए फडणवीस ने नवंबर तक का समय मांगा है. बंद के एक दिन पहले बुधवार शाम को वरिष्ठ मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि उनकी मांग पर 15 नवम्बर तक ‘‘कुछ नहीं किया जा सकता.''
16 फीसदी आरक्षण की मांग
राजनीतिक रूप से सशक्त मराठा समुदाय राज्य की आबादी का लगभग 30 फीसदी है जो 16 फीसदी आरक्षण की मांग कर रहे हैं. इससे पहले हुए प्रदर्शन के दौरान 23 जुलाई को 27 वर्षीय एक युवक ने औरंगाबाद के नजदीक गोदावरी नदी में छलांग लगा दी थी जिसके बाद लोग हिंसक हो गए थे. महाराष्ट्र के कुछ हिस्से खासकर नवी मुंबई के कोपरखैरने और कलमबोली में पिछले महीने मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा हुई थी.
शांतिपूर्ण प्रदर्शन की बात
सकल मराठा समाज के एक नेता ने कहा कि सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन होगा. संगठन के नेता अमोल जाधवराव ने कहा, ‘‘ये राज्यव्यापी बंद होगा जिसमें नवी मुंबई शामिल नहीं होगा. बंद से सभी जरूरी सेवाओं, स्कूलों और कॉलेजों को अलग रखा गया है.'' उन्होंने कहा, ‘‘कुछ संवेदनशील मुद्दों के कारण हमने नवी मुंबई में बंद नहीं करने का फैसला किया है.'' जाधवराव ने कहा, ‘‘सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन होगा. मैं मराठा युवकों से अपील करता हूं कि आत्महत्या नहीं करें. इससे समुदाय और इसके हितों को सहयोग नहीं मिलेगा.'' इससे पहले आरक्षण की मांग के समर्थन में समुदाय के कई लोगों ने आत्महत्या कर ली थी. उन्होंने भरोसा दिया, ‘‘हम मराठा युवकों से अपील करते हैं कि हिंसा से दूर रहें. हम उग्र प्रदर्शन नहीं करेंगे और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे.''
जाधवराव ने आरोप लगाए कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस केवल कुछ मराठा लोगों से बात कर रहे हैं और समुदाय के अंदर भ्रम पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘फडणवीस आंदोलन की तीव्रता को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं.''
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