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महाराष्ट्र: 15 दिन में 3 गुना कोरोना केस, देश के 80% केस राज्य से

कोरोना महामारी की शुरुआत से ही महाराष्ट्र इससे बुरी तरह प्रभावित राज्यों में से एक रहा है.

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भारत
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महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण एक बार फिर गंभीर हो गया है. हर दिन नए कोविड-19 केसों की संख्या रिकॉर्ड स्तरों पर है. स्थिति ये है कि सिर्फ एक दिन में राज्य में 30 हजार से ज्यादा कोरोना वायरस केस दर्ज हो रहे हैं. पूरे देश में मिलने वाले नए डेली केस के 80% से ज्यादा केस सिर्फ एक राज्य महाराष्ट्र से आ रहे हैं.

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मार्च की शुरुआत में महाराष्ट्र में करीब 5-6 हजार डेली कोरोना केस आ रहे थे, जो कि अब 21 मार्च को बढ़कर 30 हजार के पार पहुंच गए हैं. वहीं डबलिंग रेट कम हो रहा है, फेटेलिटी रेट बढ़ रहा है और स्थिति दिन-ब-दिन चिंताजनक होती जा रही है.

हमने महाराष्ट्र के कोरोना केस के 15 दिन के आंकड़ों पर विश्लेषण किया है. 15 दिन के अंदर ही डेली कोरोना वायरस केस तीन गुना तेजी से बढ़ने लगे हैं. डेली कोरोना केस में लगातार तेजी से इजाफा हो रहा है. महाराष्ट्र एक बड़ा हॉटस्पॉट बनकर उभरा है.

कोरोना महामारी की शुरुआत से ही महाराष्ट्र इससे बुरी तरह प्रभावित राज्यों में से एक रहा है.
कोरोना महामारी की शुरुआत से ही महाराष्ट्र इससे बुरी तरह प्रभावित राज्यों में से एक रहा है.
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24 घंटे में रिकॉर्ड 30 हजार से ज्यादा नए केस

21 मार्च को राज्य में कोरोना के एक दिन में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड नए पॉजिटिव केस दर्ज हुए हैं. सिर्फ 24 घंटे में राज्य में 30,535 नए केस आए हैं और 99 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. सिर्फ राजधानी मुंबई में ही 3,775 नए कोरोना पॉजिटिव केस आए हैं. वहीं महाराष्ट्र में कुल कोरोना पॉजिटिव केस 24,79,682 हो गए हैं. वहीं अब तक राज्य में 53,399 लोग कोरोना की वजह से जान गंवा चुके हैं. अब पूरे देश में रिकॉर्ड किए गए नए केस में से करीब 80% केस महाराष्ट्र से ही आ रहे हैं.

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कोरोना की स्थिति: महाराष्ट्र Vs भारत

महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की गंभीरता को आप ऐसे समझ सकते हैं कि जिस रफ्तार से राज्य में केस बढ़ रहे हैं अगर इसी रफ्तार से केस बढ़ते रहे तो 70 दिन में केस करीब दोगुने हो जाएंगे. इसे डबलिंग रेट कहते हैं. वहीं पूरे देश का डबलिंग रेट 232 दिन है. वहीं 10 मार्च को भारत का डबलिंग रेट 441 दिन था और महाराष्ट्र का 147 दिन था. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि खासतौर पर महाराष्ट्र में कितनी तेजी से कोरोना वायरस केस बढ़ रहे हैं.

कोरोना महामारी की शुरुआत से ही महाराष्ट्र इससे बुरी तरह प्रभावित राज्यों में से एक रहा है.

10 दिन में एक्टिव केस हुए दोगुने

पिछले 10-12 दिन में महाराष्ट्र में एक्टिव केस दोगुने हो गए हैं. 10 मार्च को महाराष्ट्र में करीब एक लाख एक्टिव केस थे तो वहीं अब 22 मार्च को एक्टिव केस 2.10 लाख हो गए. महाराष्ट्र के रिकवरी रेट में भी बेतहाशा कमी आई है. 10 मार्च को रिकवरी रेट करीब 93% था, जो अब गिरकर 89% पर आ गया है. बस एक राहत की बात ये है कि फेटेलिटी रेट में हल्की गिरावट आई है. लेकिन जिस रफ्तार से केस बढ़ रहे हैं, आगे क्या होगा कुछ कहा नहीं जा सकता.

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'महाराष्ट्र की हालत चिंताजनक'

केंद्र सरकार कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर जो प्रेस कॉन्फ्रेंस करती है, उसमें नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने 11 मार्च को कहा था कि- 'हम महाराष्ट्र के हालातों को लेकर चिंतित हैं. ये बहुत ही गंभीर मामला है. इसके दो संदेश हैं- पहला कि वायरस को हल्के में ना लें, दूसरा- सभी नियमों का अच्छे से पालन करें.'

महाराष्ट्र में बढ़ी सख्ती, नागपुर में टोटल लॉकडाउन

महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते केसों को लेकर राज्य में 31 मार्च तक के लिए नई गाइडलाइंस जारी की गई हैं. इसके तहत नागरिकों और संस्थाओं को कोरोना से बचाव के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं.

नागपुर में उद्धव सरकार ने संपूर्ण लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है. वहीं राज्य सरकार ने कई जगहों पर रेंडम एंटीजन टेस्टिंग करने का फैसला किया है. इसके तहत भीड़-भाड़ वाली जगहों जैसे बस डिपो, रेस्टोरेंट, टूरिस्ट प्लेस, सरकार दफ्तरों से करीब 1000 लोगों की टेस्टिंग की जाएगी.

महाराष्ट्र में 31 मार्च तक थियेटर 50 फीसदी क्षमता के साथ चलाए जाएंगे साथ ही प्राइवेट ऑफिसों में भी कर्मचारियों की क्षमता 50 फीसदी ही रखनी होगी.

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